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नक्सल क्षेत्र में मुख्य धारा से भटक गए युवाओं का प्रशासन कराएगी पुनर्वास

गया जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जो युवा मुख्य धारा से भटक गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 12:20 AM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 12:20 AM (IST)
नक्सल क्षेत्र में मुख्य धारा से भटक गए युवाओं का प्रशासन कराएगी पुनर्वास
नक्सल क्षेत्र में मुख्य धारा से भटक गए युवाओं का प्रशासन कराएगी पुनर्वास

गया। गया जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जो युवा मुख्य धारा से भटक गए हैं। उन्हें पुन: मुख्य धारा में लाने के लिए केंद्रीय सहायता योजना के तहत निरंतर प्रयास कर रही है। जो युवा नक्सल को छोड़कर मुख्य धारा में लौटते हैं। उनका पुनर्वास कराया जाएगा। नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 103 पंचायतों में त्रिवर्षीय योजना के तहत 71 करोड़ रुपये से चौमुखी विकास की जाएगी। उक्त बातें शुक्रवार को मासिक प्रेसवार्ता में जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताए।

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उन्होंने कहा कि अभी 33 करोड़ रुपये से नक्सल क्षेत्र में महत्वकांक्षी योजनाएं चल रही है। इन योजनाओं को नक्सल क्षेत्र के आम ग्रामीण के साथ-साथ मुख्य धारा में डाले युवा भी ले सकते हैं। वैसे युवाओं को कौशल विकास योजना के तहत स्कील डेवलपमेंट किया जा रहा है। प्रशिक्षण के उपरांत उन्हें स्वरोजगार के लिए केंद्रीय व राज्य सरकार की योजना से लोन दिया जाएगा। फिलहाल इन क्षेत्र में विशेष कैंप लगाकर योजनाओं की जानकारी और लाभ पहुंचाया जा रहा है। अपराध नियंत्रण को शहरी क्षेत्र को 15 सेक्टर में बाटा

डीएम ने कहा कि शहरी क्षेत्र में अपराध को नियंत्रण करने के लिए 15 सेक्टर में बांटा गया है। प्रत्येक सेक्टर में स्थानीय थाना के एक-एक पुलिस पदाधिकारी को प्रभारी बनाया गया है। सघन गश्ती के लिए 10 पेट्रोलिंग प्वाइंट बनाया गया है। गश्ती दल पर निगरानी रखने के लिए जीपीएस युक्त वाहन स्पेशल पेट्रोल पार्टी व स्पेशल मोटरसाइकिल पार्टी को लगाया गया है। टीओपी से निकलकर पैदल मार्च करने की व्यवस्था की गई है।

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लोक शिकायत में अब तक 28,794 आवेदन प्राप्त

डीएम ने कहा कि लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के अंतर्गत 44 विभागों के 480 से अधिक योजना शामिल हैं। इसमें परिवाद पत्र दायर कर निवारण किया जा सकता है। इसमें 28,794 आवेदन अब तक प्राप्त हुए हैं। जो पटना के बाद गया आवेदन प्राप्त वाला जिला बना है। यहां दायर परिवाद में अब तक 27,005 का निवारण किया गया है। इस तरह यहां 93.79 प्रतिशत है। जो राज्य औसत 89 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने बताया कि प्रथम अपील में 2159 आवेदन तथा डीएम स्तर पर द्वितीय अपील में 793 आवेदन प्राप्त हुए। डीएम ने 38 मामले में अब 46 हजार रुपये अर्थदंड लगाया हैं। साथ ही 26 सरकारी कर्मियों पर अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। परिवाद पत्र निपटारा करने में राज्य के अंतर्गत मई माह में सातवां और मगध प्रमंडल में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है। पाठ्य पुस्तक की भेजी गई राशि

डीएम की उपस्थित में डीईओ ने जागरण को बताया कि 3106 सरकारी विद्यालय संचालित है। जहां 6 लाख 88 हजार 655 बच्चे नामांकित है। प्राथमिक व मध्य विद्यालय में 2941 विद्यालय शिक्षा समिति को बच्चों के पाठय पुस्तक के लिए 19 करोड़ 22 लाख 14 हजार 350 रुपये भेजी गई है, जहां से समिति द्वारा बच्चों के खाता में किताब खरीदने के लिए राशि दी गई है।


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