एक कमरे में चलती हैं पांच कक्षाएं
संवाद सूत्र, मानपुर : मध्य विद्यालय मानपुर अपने भवन के लिए तरस रहा है। मजबूरन यहां के बच्चों को स
संवाद सूत्र, मानपुर : मध्य विद्यालय मानपुर अपने भवन के लिए तरस रहा है। मजबूरन यहां के बच्चों को सूत रंगाई केंद्र के अंधेरे भवन में पढ़ना पड़ रहा है। एक कमरे में ही चौथी से आठवीं तक के विद्यार्थियों को बैठाकर शिक्षा दी जाती। गुणवता पूर्ण शिक्षा नहीं मिलने के कारण बच्चों की संख्या में दिनोंदिन कम होती जा रही है।
क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए मध्य विद्यालय मानपुर की स्थापना 1952 में की गई। विद्यालय को 58 साल तक कुम्हार टोली स्थित एक निजी भवन में चलाया गया। जब यह भवन जर्जर हो गया तो विद्यालय को वर्ष 2007 में रंगाई केंद्र में शिफ्ट कर दिया गया।
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283 बच्चे नामांकित
92 होते हैं उपस्थित
मध्य विद्यालय में 283 विद्यार्थी नामांकित हैं। इनको पढ़ाने के लिए सात शिक्षक नियुक्त हैं। जगह के अभाव में चौथी से आठवीं तक के विद्यार्थियों को एक अंधेरे कमरे में बैठाकर शिक्षा दी जाती। सोमवार को मात्र 92 विद्यार्थी ही उपस्थित थे।
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समझ नहीं आता
अष्टम वर्ग के विशाल कुमार, शनि कुमार, शाहीन प्रवीण, सप्तम वर्ग के सना प्रवीण, उषा कुमारी व अन्य विद्यार्थियों ने कहा कि एक कमरे में ही सभी कक्षाएं लगने से हमें समझ नहीं आता। आर्थिक मजबूरी के कारण अभिभावक निजी विद्यालय में नहीं भेज पाते। यहां हम सबको अच्छी शिक्षा नहीं मिल रही है। इसकी वजह से कई विद्यार्थी विद्यालय आना बंद कर दिए हैं।
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विद्यार्थियों को शिक्षा देने में कोताही नहीं बरती जाती। विषयबार बच्चों को बैठाने की जगह नहीं है। मजबूरन एक ही कमरे में कई कक्षाएं चलानी पड़ती है। इस कारण बच्चों को कुछ परेशानी हो रही है। इसकी वजह बच्चों की संख्या में कम हो रही है।
राजदेव सिंह, प्रधानाध्यापक