संकल्प की रोशनी से जगमग हुआ देवघाट
पृष्ठ-4, फोटो-15 व 16 -दूसरे राज्यों से आए तीथयात्री भी शरीक हुए अभियान में -चेतना और जागरूकता
पृष्ठ-4, फोटो-15 व 16
-दूसरे राज्यों से आए तीथयात्री भी शरीक हुए अभियान में
-चेतना और जागरूकता से ही फल्गु में आएगा पानी
जागरण संवाददाता, गया : विष्णुपद मंदिर क्षेत्र में देवघाट शुक्रवार की शाम दीपमालाओं से जगमग कर रहा था। लोग यहां कुछ खास उद्देश्य से जुटे थे।
ये दीप थे संकल्प के। फल्गु को उसकी पहचान देने के लिए। उस फल्गु को, जिससे है गया शहर की पहचान। शाम होते ही फल्गु के पवित्र तट पर दीप जगमगाने लगे। फल्गु जैसे आशान्वित हो रही हो कि लोग उसकी चिंता कर रहे हैं। बाहर से आए तीर्थयात्रियों ने भी इसमें शिरकत की। आस्था की नदी को प्रणाम किया। दीपों की श्रृंखला में एक दीप अपना भी रखा।
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मैंने विष्णुपद नगरी का दर्शन किया। फल्गु को बचाने के अभियान को देखकर बहुत अच्छा लगा। शाम में जब लोग दीप जलाने जुटे हैं तो यह एक संदेश है। यह पवित्र नदी सिर्फ गया ही नहीं, पूरे देश की आस्था है। हम आग्रह करते हैं कि इसे बचाने में शरीक हों। यहां व्यवस्था की जाए, ताकि नदी में जल रहे।
उषा भागवर, भोपाल
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भगवान विष्णु का दर्शन किया। फल्गु नदी सूखी हुई है। जल नहीं है, जबकि इसी जल के लिए लोग कहां-कहां से आते हैं। यह हम सबका दायित्व बनता है कि इस जलस्रोत को बचाएं। यह श्रद्धा और विश्वास की नदी है। पुरखों को तृप्त करनेवाली नदी है।
गोपाल खडर, चूनाभट्टी,भोपाल
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तीर्थनगरी गया की पहचान फल्गु है। दैनिक जागरण की यह मुहिम देखकर प्रसन्नता हुई। समाज के लोग यहां जुटे हैं, यह देखकर लग रहा है कि मोक्षदायिनी फल्गु में फिर जलधारा होगी। सरकार को इस दिशा में पहल करनी चाहिए।
राम प्रताप भागवर, कोटा, राजस्थान ------------------------
गयाजी पितरों की मोक्षनगरी है। यहां देश-विदेश के तीर्थयात्री विष्णुधाम का दर्शन करते हैं। मैंने भी विष्णुपद मंदिर आकर दर्शन किया है। फल्गु को बचाने के अभियान में शरीक होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मैं धन्य हूं कि इस तट पर आज फल्गु को बचाने के लिए दीप जलाया।
रूपमनी भागवर, राजस्थान ---------------------
फल्गु नदी में लोगों द्वारा अतिक्रमण की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है, इस पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। हाईकोर्ट में मामला भी चल रहा है। फल्गु हम सबकी आस्था व शहर की जीवनरेखा है। इसे अतिक्रमण व प्रदूषण मुक्त कराने की पहल अविलंब हो।
महेश लाल गुपुत
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फल्गु नदी को अतिक्रमण मुक्त किया जाए। यहां देश-विदेश के तीर्थयात्रियों का आना-जाना लगा रहता है। फल्गु एक पवित्र नदी है। शहर के लोगों के लिए भी पेयजल का एक मात्र स्रोत है। नदी नहीं रहेगी तो क्या होगा। इस पर तत्काल योजना बनाकर काम शुरू किया जाए।
कृष्णा प्रसाद गुप्ता
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गयाजी मोक्षधाम के नाम से जाना जाता है। नदियों में फल्गु नदी बहुत महत्वपूर्ण और पवित्र नदी है। यहां विष्णु चरण है। पितृ मोक्ष की प्राप्ति होती है। प्रशासन से नदी को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग करता हूं।
मण्लिाल बारिक
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नदियों में श्रेष्ठ फल्गु नदी है। इसे बचाने के लिए अतिक्रमण मुक्त करना होगा। साथ ही नदी से बालू का अवैध उठाव किया जा रहा है। इसे तत्काल बंद किया जाए। नदी में नाले का गंदा पानी गिराया जा रहा है, इस पर भी तत्काल रोक लगनी चाहिए।
गजाधर लाल कटियार
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फल्गु नदी को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए उच्च न्यायालय में भी मामला चल रहा है। प्रशासन को चाहिए कि अतिक्रमण पर रोक लगाए। नदी को बचाने की शीघ्र पहल नहीं की गई तो हमलोग आंदोलन को बाध्य होंगे।
बृजनंदन पाठक
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फल्गु नदी का काफी अतिक्रमण कर लिया गया है। नदी में गंदगी अलग है। फल्गु की यह स्थिति दयनीय है। हम सबको इसे मिलकर बचाना होगा। नदी को अतिक्रमण से मुक्त कराना होगा।
सुदामा दूबे उर्फ छोटू
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फल्गु नदी को गंदगी एवं अतिक्रमण से मुक्त किया जाए। इसके लिए सरकार पहल करे। यहां वीयर बांध बनाया जाए। कई बार इसकी घोषणा हो चुकी है। इससे नदी में पानी की संभावना बढ़ जाएगी।
लालजी प्रसाद
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मोक्षनगरी में सालों से नदी में अतिक्रमण कर लेने से यह सिमटती जा रही है। यहां हजारों-हजार तीर्थयात्री आते हैं। नदी में नालियों का पानी गिराया जा रहा है। इससे यह और प्रदूषित हो गई है। इसे बंद किया जाए।
नारायण लाल गुरदा