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83 वर्ष पुराना है गया का चित्रगुप्त मंदिर

संवाद सहयोगी, (गया नगर) : शहर के भैरो स्थान गोदावरी रोड में कायस्थ के पूर्वज भगवान चित्रगुप्त जी के

By Edited By: Published: Wed, 22 Oct 2014 09:22 PM (IST)Updated: Wed, 22 Oct 2014 09:22 PM (IST)

संवाद सहयोगी, (गया नगर) : शहर के भैरो स्थान गोदावरी रोड में कायस्थ के पूर्वज भगवान चित्रगुप्त जी के मूर्ति स्थापना और मंदिर का निर्माण होने की बात कही गयी है। फिर भी जो पत्थर व बोर्ड प्राचीन चित्रगुप्त मंदिर परिसर में लगा है। उसके हिसाब से प्राचीन चित्रगुप्त मंदिर की स्थापना अंग्रेजी महीना के अनुसार से वर्ष 1931 ई में हुई थी। आषाढ़ कृष्ण पक्ष 5 जून 1931 ई व पंचावी सम्वत 1988 शाके 1853 ई में स्थापना काल बताया गया। इस तिथि से अगर देखा जाए तो यह मंदिर करीब 83 वर्ष पुराना है। प्राचीन धरोहर को बचाने के लिए समाज के कर्णधार अग्रणी नहीं है। फिर भी मंदिर के आस-पास स्थिति बहुत खराब है। समाज के लोग सिर्फ पूजा तक सीमित रह जाते हैं।

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यहां अभी वर्तमान में उजला रंग संगमरमर पत्थर का भगवान श्री चित्रगुप्त की प्रतिमा लगाई गई है। जिसकी ऊंचाई करीब ढ़ाई फूट है। इस छोटे से मंदिर में चित्रांश परिवार की ओर से शनिवार को दोपहर 1 बजे सामूहिक पूजा अर्चना होगी। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। मंदिर का रंग-रोगन कराया जा रहा है।

कहां-कहां बैठायी जाती हैं चित्रगुप्त की प्रतिमाएं

ऐसे तो भगवान श्री चित्रगुप्त की पूजा हर कायस्थ घरों में होती है। इसके अलावे शहर के कई स्थानों पर भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमाएं स्थापित कर सामूहिक पूजा-अर्चना की जाती है। संध्या काल में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। शहर के नई गोदाम, बागेश्वरी, बंगला स्थान, चित्रगुप्त गली, रामधनपुर, मानपुर, पंतनगर, घुघरीटांड, माड़नपुर, जयप्रकाश नगर, चांदचौरा, टिल्हा महावीर स्थान, गोदावरी भैंरा स्थान, एपी कालोनी, मगध कालोनी, नादरागंज, ब्रह्माणीघाट, गेवाल बिगहा एवं शास्त्रीनगर आदि स्थानो पर भगवान श्रीचित्रगुप्त की प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। जहां कायस्थ परिवार से जुड़े सामूहिक पूजा-अर्चना करते हैं।

25 को पूजा और 27 को विसर्जन

शहर के अलग-अलग स्थानो पर शुक्रवार की देर रात को भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। जहां 25 अक्टूबर को विधिपूर्वक पूजा अर्चना की जाएगी। पूजा अर्चना के बाद सोमवार यानि 27 अक्टूबर को प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा।


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