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मशरूम की खेती को ले महिलाओं को दिया गया प्रशिक्षण

पंडित दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की 40 महिलाओं को मशरूम उत्पादन के लिए नगर भवन के सभागार में तीन दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत की गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 07:15 AM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 07:15 AM (IST)
मशरूम की खेती को ले महिलाओं को दिया गया प्रशिक्षण
मशरूम की खेती को ले महिलाओं को दिया गया प्रशिक्षण

मोतिहारी। पंडित दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की 40 महिलाओं को मशरूम उत्पादन के लिए नगर भवन के सभागार में तीन दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत की गई। इसके लिए नगर परिषद क्षेत्र के हर वार्ड से एक-एक महिलाओं का चयन किया गया है। प्रशिक्षक कार्यक्रम कृषि विज्ञान केंद्र पिपरा कोठी के समन्वयक अर¨वद ¨सह के कुशल निर्देशन में किया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली सभी महिलाओं को कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण प्रमाण पत्र एवं पांच हजार रुपये मूल्य का डेम्पेनेमट्रेशन किट उपलब्ध कराया जाएगा। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य सभी लाभुकों को स्वरोजगार से जोड़कर आत्म निर्भर बनाना है। प्रशिक्षक रवि रंजन झा ने बताया कि खाने योग्य मशरुम की पांच प्रजातियां है। जिसमें ओयेस्टर, बटन, मिल्की, बृहद दुधिया और पुआल मशरुम शामिल है। ओयेस्टर मशरूम (छाता, दीग्धी) का उत्पादन 20 से 35 डिग्री तापमान, 80 से 90 आद्रता जुलाई से लेकर अप्रैल तक एवं बटन मशरूम का उत्पादन 15 से 22 डिग्री तापमान 80 से 85 अद्रता नवंबर से फरवरी तक किया जाता है। एक किलो मशरूम के बीज से 6 से 10 किलो तक मशरुम का उत्पादन होता है। जिसका बाजार मूल्य न्यूनतम 200 रुपये प्रति किलो है। जबकि बटन मशरुम का बाजार भाव 250 रुपये प्रतिकिलो है।

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