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नहीं बनी सड़क तो लोगों ने उठा ली कुदाल

मोतिहारी। गांव के विकास की हर तरफ बात हो रही है। वहीं प्रखंड के बथना स्थित राजमार्ग 28 से परसौनी गा

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 06:25 AM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 06:25 AM (IST)
नहीं बनी सड़क तो लोगों ने उठा ली कुदाल
नहीं बनी सड़क तो लोगों ने उठा ली कुदाल

मोतिहारी। गांव के विकास की हर तरफ बात हो रही है। वहीं प्रखंड के बथना स्थित राजमार्ग 28 से परसौनी गांव को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण नही होने से खुद हाथ में लोगों ने कुदाल उठा ली। लंबी प्रतीक्षा के बाद भी उनकी मांगों पर जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तब लोगों को जनसहयोग एक मात्र विकल्प नजर आया। गांव के लोगों ने सड़क को मोटरेबल बनाना शुरू कर दिया है। चुनाव से पूर्व इस सड़क पर सोलिग कराने की भी योजना है। इसके बाद लोगों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या यह है कि इस सड़क का पक्कीकरण कैसे होगा। लोगों ने कई चुनाव में इस सड़क को बनवाने के लिए आवाज उठाई, पर इस पर आश्वासन के अलावा उन्हें कुछ भी हासिल नहीं हुआ। करीब एक किलोमीटर इस कच्ची सड़क के पक्कीकरण का सपना अधूरा है। दो पंचायतों के आधा दर्जन से ऊपर गांवों को जोड़ती है यह सड़क यह सड़क राजमार्ग से परसौनी देवजीत व बखरी नाजिर पंचायत के आधा दर्जन गांवों को जोड़ने वाली एक मात्र मुख्य सड़क है। सड़क का आधा भाग बखरी नाजिर व आधा देवाजित परसौनी पंचायत में पड़ता है। इस सड़क से परसौनी, देवाजित, देवाजितपुर, सुर परसौनी, रजुआ बखरी, कानू टोला, चकनूर, कोइरगावां सहित मुजफ्फरपुर के एक दर्जन से ऊपर गांवों का सीधा जुड़ाव है। उपरोक्त गांवों के करीब छह हजार आबादी को मुख्य मार्ग से यह सड़क जोड़ती है। प्रधानमंत्री सड़क योजना से जोड़ने की थी कवायद जानकारों की मानें तो इस सड़क को प्रधानमंत्री सड़क योजना से जोड़ा गया था। योजना के तहत बखरी नाजिर मध्य विद्यालय से परसौनी रेलवे गुमटी तक सड़क का निर्माण तो हुआ। लेकिन रेलवे गुमटी के बाद से राजमार्ग तक करीब एक किलोमीटर सड़क का निर्माण अधूरा रह गया। निर्माण कंपनी कार्य पूर्ण किए बगैर अपना हिसाब चुकता कर चली गई। बताया गया कि नहर विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिए जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। जबकि नहर विभाग ने इस संदर्भ मे किसी प्रकार का आवेदन प्राप्त होने से ही इनकार किया। सवाल उठता है कि आखिर कौन सी ऐसी समस्या है जो निर्माण कार्य को निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने नहीं दिया। बरसात में होती है परेशानी खासकर बरसात के दिनों में यह सड़क पूरी तरह कीचड़ में सरोबार हो जाता है। सवारी तो क्या पैदल चलना भी मुश्किल होता है। ग्रामीणों को मेहसी बाजार आने या राजमार्ग से अन्यत्र जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। जो कष्ट व श्रमसाध्य होता है।

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पंचायत समिति सदस्य शैलेश द्विवेदी, बीरेंद्र यादव, शशिभूषण द्विवेदी, रिषु द्विवेदी, उदय दुबे, मोहन साह, विनोद साह, विद्यानंद साह, रामप्रवेश राम, पंकज राम, विकास राम आदि का कहना है कि ग्रामीणों की परेशानी को अगर दूर नहीं किया गया तो उनका आक्रोश आने वाले चुनाव में नेताओं को झेलना पड़ सकता है।


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