आसान हुई मिट्टी जांच की राह, समृद्ध हुई प्रयोगशाला
मोतिहारी। जिले के किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। अब किसान अपने खेत की मिट्टी की जांच आसानी से करा सकेंगे।
मोतिहारी। जिले के किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। अब किसान अपने खेत की मिट्टी की जांच आसानी से करा सकेंगे। पूर्व में हो रही जांच से आगे अब मिट्टी के सभी 12 पारामीटर की जांच स्थानीय स्तर पर करने का काम शुरू हो चुका है। जिला कृषि कार्यालय परिसर स्थित मिट्टी जांच प्रयोगशाला में एटॉमिक अब्जॉर्प्शन स्पेक्ट्रोफोटोमीटर (एएएस) मशीन लग गई है। मशीन लगने के साथ अब नई तकनीक के जरिए किसानों के खेतों की मिट्टी में पाए जाने वाले सूक्ष्म पोषक तत्व सहित सभी 12 तरह की जांच हो सकेंगी। वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए जिले के प्रत्येक प्रखंड के एक-एक राजस्व ग्राम का चयन किया गया है। यहां से खरीफ व रबी में 20844 मिट्टी का नमूना संग्रह का लक्ष्य है। खरीफ में अब तक 7042 नमूना का संग्रह किया जा चुका है। शेष 13802 नमूनों का संग्रह रबी खेती के दौरान किया जाएगा। प्रयोगशाला द्वारा संग्रहित नमूनों में मोतिहारी, बंजरिया, कोटवा व पीपराकोठी से संग्रहित 1214 नमूनों की जांच पूरी कर ली गई है।
खेतों के लिए संजीवनी जैसा मृदा स्वास्थ्य कार्ड
जानकारी के अभाव में किसान अपनी खेतों में रसायनिक खादों का प्रयोग करते आ रहे हैं, ताकि उपज अधिक हो। इसका परिणाम है कि हम सब मीठा जहर के रूप में सभी रसायन भोजन के माध्यम से ग्रहण कर रहे हैं। इससे मनुष्य किसी न किसी बीमारी से ग्रसित होता जा रहा है। अब संजीवनी के रूप में किसानों के पास स्वायल हेल्थ कार्ड है। इस पर मिट्टी जांचोपरांत जरूरत के मुताबिक खेतों में दी जाने वाली रसायनिक एवं जैविक खाद की उचित मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दर्ज कर दी जा रही है। इससे किसान अपनी खेतों में संतुलित उर्वरक देकर बेहतर उत्पादन ले सकेंगे। स्वायल हेल्थ कार्ड के प्रचार-प्रसार के लिए जनजागृति की आवश्यकता है। इसके लिए जनप्रतिनिधियों को आगे जाने की जरूरत है। सभी कार्यक्रमों व सभाओं में किसानों को खेतों की मिट्टी जांच कराने के लिए प्रेरित करने की जरूरत है।
सभी 12 पारामीटर की हो रही जांच
जिला कृषि कार्यालय स्थित मिट्टी जांच प्रयोगशाला में मिट्टी के सभी 12 पारामीटर की जांच के बाद किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड दिया जा रहा है। प्रयोगशाला में मिट्टी के नमूनों में पीएच मान, विद्युत चालकता, ऑर्गेनिक कार्बन, फॉस्फोरस, पोटैशियम, नाईट्रोजन, सल्फर, बोरॉन एवं सुक्ष्म पोषक तत्वों में जिक, मैंगनीज, कॉपर, आयरन की जांच कि जाएगी। पूर्व में छह पारामीटर पर स्वायल हेल्थ कार्ड मिलते थे। जिसमें किसानों को सूक्ष्म रसायनिक खाद कितनी मात्रा में देनी है वह स्पष्ट नहीं होता था। पर, अब ऐसी बात नहीं है। अब खेतों में कितनी मात्रा में कौन सी खाद देनी है मानक के अनुसार अनुशंसा की जा रही है।
प्रयोगशाला को भवन व कर्मियों की दरकार
कृषि क्षेत्र के हिसाब से पूर्वी चंपारण सूबे का दूसरा सबसे बड़ा जिला है। इस कारण यहां किसानों की संख्या ज्यादा है। विभागीय आंकड़ों की माने तो जिले में छोटे-बड़े आठ लाख किसान है। इसमें लगभग साढ़े तीन लाख से अधिक किसानों का निबंधन हो चुका है। जिला कृषि कार्यालय परिसर स्थित पौधा संरक्षण के जर्जर भवन में संचालित मिट्टी जांच प्रयोगशाला को अपने भवन की दरकार है। वही कर्मियों के कमी के कारण मिट्टी जांच की प्रक्रिया भी धीमी गति से चल रही है। यहां दो मिट्टी सहायक अनुसंधान पदाधिकारी, दो मृदा विशेषज्ञ व दो कृषि समन्वयक कार्यरत है। ऐसे में किसानों की संख्या में हिसाब से इसे और विस्तारित करना होगा, ताकि मिट्टी जांच के कार्यो का निपटारा त्वरित गति से हो सके।
बयान
जिला कृषि कार्यालय परिसर स्थित मिट्टी जांच प्रयोगशाला में सभी 12 पारामीटर की जांच शुरू हो गई है। अब किसानों को मिट्टी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की कमियों की जानकारी पूर्व में हो सकेगी। इससे वे जरूरत के मुताबिक रसायनिक उर्वरक का उपयोग कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकेंगे। वहीं विभागीय स्तर पर मिट्टी जांच प्रयोगशाला के लिए भूमि व भवन के लिए विभाग को लिखा जाएगा।
डॉ. ओंकारनाथ सिंह
डीएओ, मोतिहारी (पूचं)