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सरल व्यक्तित्व के स्वामी थे पं. दीनदयाल : राधामोहन

पंडित दीनदयाल उपाध्याय बागवानी एवं वानिकी महाविद्यालय परिसर पीपराकोठी में मंगलवार को उनकी जयंती पर पं. दीनदयाल भव्य स्मारक का लोकार्पण केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन ¨सह ने किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 11:59 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 11:59 PM (IST)
सरल व्यक्तित्व के स्वामी थे पं. दीनदयाल : राधामोहन
सरल व्यक्तित्व के स्वामी थे पं. दीनदयाल : राधामोहन

मोतिहारी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय बागवानी एवं वानिकी महाविद्यालय परिसर पीपराकोठी में मंगलवार को उनकी जयंती पर पं. दीनदयाल भव्य स्मारक का लोकार्पण केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन ¨सह ने किया। इस अवसर कृषि मंत्री ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय सरल व्यक्तित्व एवं नेतृत्व की अदभुत क्षमता के स्वामी थे। भारतीय राजनीतिक क्षितिज के इस प्रकाशमान सूर्य ने भारतवर्ष में समतामूलक राजनीति की विचारधारा का प्रचार एवं प्रोत्साहन करते हुए मात्र 52 साल की उम्र में अपने प्राण राष्ट्र को समर्पित कर दिए। दीनदयाल जी उच्च-कोटि के दार्शनिक थे। किसी प्रकार की भौतिक माया-मोह उन्हें छू नहीं सकी। हाईटेक बंबू नर्सरी का शुभारंभ

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स्मारक के बाद पीपरा कोठी कृषि विज्ञान केंद्र में स्थापित हाई टेक बंबू नर्सरी का उद्घाटन कृषि मंत्री ने किया। नर्सरी में 30 हजार से ज्यादा बांस की उत्तम क्वालिटी का पौधा तैयार हो चुका है। यह 15 रुपये प्रति पौधे की दर पर मंगलवार से किसानों को उपलब्ध होगा। 12 वेराईटी के पौधे किसानों की आमदनी बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। घर, मचान, फर्नीचर, अगरबत्ती स्टीक,टोकरी आदि की अलग-अलग वेराइटी के पौधों से किसानों को आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि नर्सरी की स्थापना 5 महीने पहले कृषि मंत्रालय भारत सरकार द्वारा की गई थी। इस स्थान पर शीघ्र ही बैम्बू फर्नीचर बनाने की फैक्ट्री भी स्थापित की जाएगी। यहां ट्रे¨नग की व्यवस्था के साथ बंबू ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की जाएगी। किसान सम्मेलन में बोले : प्रकृति से जितना लीजिए उससे अधिक लौटाइए पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर आयोजित किसान कल्याण सम्मेलन में मंत्री श्री ¨सह ने कहा कि प्रकृति से जितना लीजिए, उससे अधिक लौटाइए। ताकि आनेआनी वाली पीढि़यों को एक बेहतर दुनिया मिल सके। उपाध्याय जी ने यह सब कुछ अब से पचास वर्ष से भी अधिक से पहले कहना शुरू किया। तब यूएनओ में हमारी हंसी उड़ाई जाती थी। हमें दकियानूसी बताया जाता था। इस सदी की शुरुआत होते ही उनके बड़बोलेपन और उपभोगवाद के कारण दुनिया का जो हाल हुआ और इसका असर जलवायु परिवर्तन में दिखने लगा तब पश्चिम ने इसे स्वीकारा। लेकिन, दिखावे के लिए उसने आयोग बनाए और आयोग ने भी इसकी पुष्टि की। यूएन की विभिन्न एजेंसियों द्वारा स्थिति की इस भयावहता की पुष्टि के बाद यूएन चेता। ये रहे मौजूद इस अवसर पर पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, विधायक सचिन्द्र ¨सह, श्यामबाबू यादव, विधान पार्षद बबलू गुप्ता, शासी निकाय आईसीएआर के सदस्य अखिलेश कुमार ¨सह, नाबार्ड किसान क्लब के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, किसान नेता रामशरण यादव,राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश चन्द्र श्रीवास्तव, बापूधाम चंद्रहिया के मुखिया शत्रुधन कुमार दास, संजीव कुमार ¨सह एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।


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