कानून के शिकंजे से निकलने की साजिश में हुई हत्या
सिकरहना अनुमंडल कार्यालय के प्रवेश द्वार पर सोमवार को दिनदहाड़े हुई शातिर बदमाश संतोष झा के शूटर अभिषेक झा की हत्या के बाद एक साथ कमजोर सुरक्षा और अपराधियों के बुलंद हौसले को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
मोतिहारी। सिकरहना अनुमंडल कार्यालय के प्रवेश द्वार पर सोमवार को दिनदहाड़े हुई शातिर बदमाश संतोष झा के शूटर अभिषेक झा की हत्या के बाद एक साथ कमजोर सुरक्षा और अपराधियों के बुलंद हौसले को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। अभिषेक की हत्या के पीछे की जो बात सामने आई है, वह यह कि बदमाश को सोमवार को सिकरहना में पेशी से पहले ही भाग निकलना था। सीसी कैमरे के फुटेज से इस तथ्य का खुलासा हुआ है कि जिन बदमाशों की गोली अभिषेक को लगी, उन्हीं बदमाशों के साथ उसे भाग निकलना था। जैसे ही अभिषेक बाहर निकला बदमाशों ने अनुमंडल कार्यालय के प्रवेश द्वार पर ही सिपाहियों की आंख में मिर्च पाउडर झोंक दिया। बात यह भी खुली है कि अभिषेक ने भी मिर्च पाउडर सिपाहियों की आंख में डालने की कोशिश की। सिपाहियों से उसने भी भागने के लिए लड़ाई की। उसकी जेब से मिर्च पाउडर मिला है। इन सबके बीच आंख में मिर्च पाउडर की जलन से परेशान सिपाहियों ने जैसे अपना आग्नेयास्त्र ताना तो अपराधियों की ओर से फाय¨रग शुरू हो गई। पुलिस के जवान अभी गोली चलाते कि गोली अभिषेक को लग गई और वह मौके पर गिर गया। इसी के साथ बाइक सवार बदमाश वहां से भाग निकले। अपराधियों के साथ हुई नोंक-झोंक में हवलदार वशिष्ठमुनि तिवारी और सिपाही विरेंद्र कुमार ¨सह जख्मी हुए हैं। दोनों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना के बाद सिकरहना अनुमंडल कार्यालय व कोर्ट परिसर में गोली चलने के साथ अफरा-तफरी मच गई। जो जहां था वहीं से घटनास्थल की ओर दौड़ा। वहीं शांति पसंद लोग यहां से निकलकर अपने घरों को चले गए। इस कारण से न्यायिक कार्य भी बुरी तरह प्रभावित रहा। सोमवार को पहली पाली में कुछ काम होने के बाद न्यायिक कार्यों का निष्पादन नहीं हो पाया। इस कारण से कई लोग यहां से निकल गए।
पुलिस जांच में यह बात तो सामने आ गई कि अभिषेक झा भागने की तैयारी में था। इसी तैयारी के दौरान हुई फाय¨रग में वह मारा गया। लेकिन, इस हत्याकांड ने एक बार फिर पुलिस सुरक्षा तंत्र पर सवाल खड़े किए हैं। सवाल यह कि पहले की घटनाओं से पुलिस सबक लेती तो शायद ऐसा सोमवार को नहीं होता। बताया गया है कि बदमाशों की तैयारी पहले से थी, इसी के तहत मिर्च पाउडर व अन्य चीजों का इंतजाम किया गया था। अब सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि अनुमंडल कार्यालय जैसे महत्वपूर्ण स्थान पर कैसे अपराधियों ने अपना पोजिशन लिया और तमंचे के साथ मौजूद हो गए। किस तरह से अभिषेक के पास मिर्च पाउडर पहुंचा और किन लोगों ने कहां मुहैया कराया। फिर बदमाशों और अभिषेक के बीच कैसे पूरी प्ला¨नग बनी। सूत्र बताते हैं कि मोतिहारी सेंट्रल जेल से ही बदमाश के भागने की साजिश बनी थी। लेकिन, तमाम चौकसी के बीच पुलिस को एक बार फिर अपराधियों ने मात दे दी।
बता दें कि वर्ष 2016 के आसपास संतोष झा गिरोह के इस शातिर बदमाश ने सिकरहना इलाके में दहशत कायम करने की कोशिश की थी। इसके लिए ढाका थानाक्षेत्र के फुलवरिया घाट पर पुल निर्माण करा रही कंपनी आरके गर्ग कंशट्रक्शन के प्रबंधक मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर थानाक्षेत्र के टेंगराहा निवासी विरेंद्र ¨सह को फोन धमकी दी। पंद्रह लाख की रंगदारी मांगी और रंगदारी नहीं देने तक काम नहीं करने को कहा। अपराधी के दहशत के कारण श्री ¨सह ने ढाका थाने में मामला दर्ज कराया। फिर पुलिस ने सुरक्षा कर्मियों की तैनाती कर काम आरंभ कराया। हालांकि, बाद में उक्त पुल का निर्माण तकनीकी पेंच में फंसकर रूक गया। जानकार बताते हैं कि उस जमाने में दरभंगा व अन्य जगहों पर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के बाद संतोष झा और अभिषेक का इस इलाके में दहशत कायम था। कई लोगों से इन लोगों ने पैसे वसूल किए। लेकिन, वो मामले सामने नहीं आए।