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आम जनता ही लोकतंत्र की प्रहरी : कुलपति

मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में भारत में लोकतंत्र का उछ्वव विषय पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने व्याख्यान दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Aug 2019 11:15 PM (IST)Updated: Fri, 30 Aug 2019 11:15 PM (IST)
आम जनता ही लोकतंत्र की प्रहरी : कुलपति
आम जनता ही लोकतंत्र की प्रहरी : कुलपति

मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में 'भारत में लोकतंत्र का उछ्वव' विषय पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने व्याख्यान दिया। भारत में लोकतंत्र के संदर्भ में सन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की चर्चा करते हुए कहा कि पूरे राष्ट्रीय आंदोलन को देखना शुरू किया जाए और उसमें 1857 को देखा जाए तो ये लगता है कि वर्षों तक पराधीनता में रहने के बाद भारतवर्ष में सन 1857 के आंदोलन के रूप में एक सामूहिक चिगारी अवश्य प्रज्वलित हुई। इसलिए वह आंदोलन भारत के पूरे राष्ट्रीय आंदोलन की पृष्ठभूमि बनाता है। पंडित जवाहर लाल नेहरु के कार्यकाल से लेकर इंदिरा गांधी के कार्यकाल को रेखांकित किया और वर्तमान समय में आमजन की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं के बारे में बताया। कहा कि आम जनता ही लोकतंत्र के प्रहरी होते हैं। कहा कि भारत के लोकतंत्र को बचाने में हमारा-आपका योगदान तो है, लेकिन उससे अधिक उस व्यक्ति का, उस नागरिक का योगदान है जिसे भारत के संविधान के बारे में कुछ पता नहीं है। जो परंपरा से मानता है कि मुझे अपनी बात कहने का अधिकार है और उस कहने के अधिकार को वह किसी ना किसी माध्यम से पकड़ लेता है। पहले वह बैलेट पेपर पकड़ता था, अब वह ईवीएम मशीन का बटन दबाता है। वह इस अधिकार से इतना प्रेम करता है कि आप उसे बहका नहीं सकते। डरा नहीं सकते। उसे पैसे देकर कुछ देर के लिए भ्रम में रख सकते हैं। लेकिन वह इतना समझदार हो गया है कि वह राजनीतिक दलों को भ्रम में रख सकता है। वह मीडिया और राजनीतिक विश्लेषकों को भी भ्रम में रख सकता है। भारत का आम मतदाता हमेशा एक संदेश देता है। उसने एक संदेश तय किया होता है। वह राजनेताओं को बता देता है, किसी भी राज्य में बता देता है। वह किसी को भी अपराजेय नहीं करता है। कोई ये नहीं कह सकता है कि उसे हराया नहीं जा सकता है। किसी को भी वह दिन दिखा सकता है। इसीलिए उनके अहंकार को वह मर्यादित नियंत्रण भी कर रहा है। व्याख्यान सत्र की अध्यक्षता समाज विज्ञान संकाय की अधिष्ठाता डॉ. सरिता तिवारी ने की। राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर ओम प्रकाश ने धन्यवाद ज्ञापन किया। व्याख्यान कार्यक्रम का संचालन राजनीति विज्ञान विभाग के विद्यार्थियों सुधांशु और अजीत ने किया। इस अवसर पर राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. पंकज कुमार सिंह व प्रेरणा भादुली एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी और अतिथि व्याख्याता उपस्थित रहे।

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