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गांधी के विचारों व शैक्षणिक दर्शन को शिक्षक आत्मसात करें

मोतिहारी। मोतिहारी के बरियारपुर बनकट स्थित श्रीनारायण शर्मा टीचर्स ट्रेनिग कॉलेज में मंगलवार को गांधी जी का शैक्षणिक दर्शन विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 10:43 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 06:28 AM (IST)
गांधी के विचारों व शैक्षणिक दर्शन को शिक्षक आत्मसात करें
गांधी के विचारों व शैक्षणिक दर्शन को शिक्षक आत्मसात करें

मोतिहारी। मोतिहारी के बरियारपुर बनकट स्थित श्रीनारायण शर्मा टीचर्स ट्रेनिग कॉलेज में मंगलवार को गांधी जी का शैक्षणिक दर्शन विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. विजय कुमार गुप्ता ने की। इस अवसर पर वर्धा योजना, वर्तमान कौशल विकास योजना, बेसिक शिक्षा, चंपारण में गांधी जी, गांधी जी एवं नील विद्रोह, गांधी जी एवं समावेशी शिक्षा आदि उप विषयों को भी सेमिनार में शामिल किया गया था। इन विषयों पर प्राध्यापकों व छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य डॉ. गुप्ता एवं प्रशासक आरएस त्रिपाठी सहित अन्य प्राध्यापकों ने दीप प्रज्वलित कर किया। इसके बाद बीएड 2019-21 की प्रशिक्षु छात्राओं ने सरस्वती वंदना गाकर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। सेमिनार में बोलते हुए प्राचार्य ने कहा कि कार्यक्रम का लक्ष्य गांधी के विचारों तथा शैक्षणिक दर्शन से भावी शिक्षकों को परिचित कराते हुए कहा कि गांधीजी के विचार आज के परिवेश में भी बेहद प्रासंगिक हैं, इन्हें शिक्षकों को आत्मसात करना चाहिए। कहा- महात्मा गांधी ने किसी नए दर्शन की रचना नहीं की है, उनके विचारों का जो दार्शनिक आधार है, वही गांधी दर्शन है। इस क्रम में प्रशासक श्री त्रिपाठी ने कहा कि महात्मा गांधी का दर्शन एक प्रकार से जीवन, मानव समाज और जगत का नैतिक भाष्य है। इसकी गर्भ दृष्टि से उनकी अहिसा का प्रादुर्भाव हुआ है। वे मानते हैं कि जगत में जो कुछ अनैतिक है वह सब हिसा है। कार्यक्रम का संयोजन व संचालन करते हुए प्रो. एसके तिवारी ने कहा कि महात्मा गांधी की वर्धा योजना और बेसिक शिक्षा से ओत-प्रोत आज कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। कौशल विकास योजना उन्हीं में से एक है। कार्यक्रम में एक-एक कर सभी प्राध्यापकों ने अपनी प्रस्तुति दी तथा प्रशिक्षुओं के सवालों के उत्तर भी दिए। सभागार में जगह-जगह महात्मा गांधी से जुड़ी तस्वीरें व प्रतीक चिह्न प्रदर्शित किए गए थे। विचार व्यक्त करने वाले प्राध्यापकों में अजय कुमार, समीर अहमद, राजेश द्विवेदी, डॉ. मो. फिरोज, मुरली मनोहर, निकिता कुमारी, अमन कुमार चौधरी, आरके दूबे व एसके पंकज शामिल हैं। प्रशिक्षुओं में स्वीटी श्रीवास्तव, अशोक कुमार, मुकेश कुमार, प्रियंका, शिखा, नीलू, अमित, गुंजन, ब्यूटी, कल्पना कुमारी सहित अन्य प्रशिक्षु छत्र-छात्राओं ने गांधी के शैक्षणिक दर्शन पर अपने विचार प्रकट किए। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

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