तालीमपुर पंचायत का नहीं हो सका है समुचित विकास
मधुबन प्रखंड मुख्यालय से सटा तालिमपुर पंचायत। आबादी लगभग 11 हजार है।
मोतिहारी। मधुबन प्रखंड मुख्यालय से सटा तालिमपुर पंचायत। आबादी लगभग 11 हजार है। यहां अनुसूचित जाति, पिछड़ा,अतिपिछड़ा, महादलित, सामान्य वर्ग के लोग निवास करते हैं। अधिकांश लोग कृषि और मजदूरी कर अपना गुजर बसर कर रहे हैं। इस पंचायत का आज भी समुचित विकास नहीं हो सका है। सब्जी की अच्छी खेती यहां की जाती है। अधिकांश कृषि कार्य करने वालों की अपनी जमीन नहीं है। बताया जाता है कि जमीन मालिक खेती करने में समर्थ नहीं होने के कारण गांव के गरीब व मजबूर तबके के लोगों को अपनी जमीन होंडा, बटाई पर दे रखा है। दुर्भाग्य की बात यह है कि सरकार से जो किसानों को डीजल अनुदान और फसल क्षतिपूर्ति आदि सुविधाएं दी जा रही है उसे जमीन मालिक खुद ले लेते। दैनिक जागरण के तत्वावधान में चलाए जा रहे गांव की पाती कार्यक्रम के दौरान गुरुवार को तालिमपुर में ग्रामीणों ने चौपाल में इस बात को प्रमुखता से उठाया। रामशीष राम, पांचू राम, मंगल दास, भदई राम, एतवारी देवी, प्रभु साह ने बताया कि पंचायत में वृद्धापेंशन की बहुत बडी समस्या है। सैकड़ों बेसहारा वृद्ध लोगों को पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के पूर्व बिचौलियों द्वारा भारी उगाही की बात भी सामने आ रही है। लोगों ने कहा बिचौलियों का यहां बड़ा नेटवर्क है। बगैर नजराना दिए कोई काम नहीं होता है। पंचायत में सड़क की स्थिति भी ठीक-ठाक नहीं है। तालिमपुर से टिकम चौक को जोड़ने वाली कच्ची सड़क का पक्कीकरण होना चाहिए। वहीं तालिमपुर से मेला बाजार होते हुए खोदादपुर जाने वाली सड़क का निर्माण हो। चौपाल में उपस्थित लोगों ने कहा कि तालिमपुर चौक पर एक प्रतीक्षालय और पेयजल की नितांत आवश्यकता है। इसे पूरा किया जाए। लोगों ने कहा पंचायत के सरकारी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है। विद्यालयों में ठीक तरीके से पढ़ाई नहीं हो रही है, जिससे बच्चों को लाभ नहीं मिल रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति तो और बदतर है। जिसका न खुलने का कोई समय है और न बंद होने का। इसमें अब बच्चे जाना नहीं चाह रहे। प्रखंड मुख्यालय से सटे एराजी नन्हकार गांव में एक नवसृजित विद्यालय सृजित किए गए हैं। अब तक यहां भवन की कोई व्यवस्था विभाग द्वारा नहीं की गई है। खुले आसमान के नीचे बच्चे पढ़ाई कर रहे है। मौसम के हिसाब से विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत दर्जनों लोग शौचालय का निर्माण कराया। कई माह बीत जाने के बाद भी उन्हें अभी इसका प्रोत्साहन राशि नहीं मिला। पंचायत के विकास के प्रति शासन प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है तब जाकर यहां की बदलेगी तस्वीर।