चाइनीज सामान के बहिष्कार से मजबूत होगा स्वदेशी का भाव
मोतिहारी । चीन की गुस्ताखियों ने देश के लोगों को आत्मनिर्भरता की ओर उन्मुख कर दिया है। अ
मोतिहारी । चीन की गुस्ताखियों ने देश के लोगों को आत्मनिर्भरता की ओर उन्मुख कर दिया है। अधिकांश लोगों का मानना है कि यह सही समय है जब चीन के सामानों का बहिष्कार किया जाय। अभिविप छात्रवास मोतिहारी का प्रमुख रजनीश कुमार सिंह का कहना है कि पूरी तरह से चीनी सामानों का बहिष्कार जरूरी है। यहीं समय स्वदेशी के विचार को आंदोलन के रुप में परिणत करने का है। नगदाहां सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष व युवा समाजसेवी मुन्ना गिरि ने बताया कि कि चीन की सबसे बड़ी ताकत उसका दूसरे देश में बढ़ता कारोबार है। ऐसे में भारतवासी चीनी वस्तुओं का पूर्णत: बहिष्कार कर चीन को सबक सिखा सकते हैं। इसके लिए देशवासियों को संकल्प लेना होगा कि चीनी उत्पादों का इस्तेमाल बंद कर और स्वदेशी वस्तुएं हीं खरीदेंगे। इससे यहां के उद्योग, धंधे और छोटे व्यापारियों को काफी फायदा होगा। देश का पैसा देश के अंदर हीं रहेगा। बेलवनवा की छात्रा आशिका का कहना है कि हमें अपने वीर सैनिकों के शहादत का बदला लेने के लिए चीन को हर तरह से पराजित करने की जरूरत है। आर्थिक व वैश्विक स्तर पर चीन को सबक सिखाना होगा। कृषक विकास समिति के अध्यक्ष उमाशंकर प्रसाद का कहना है कि जब चीनी वस्तु को बहिष्कार करने पर ही महात्मा गांधी का सपना रामराज स्थापित हो सकेगा। देश के अंदर कुटीर-उद्योग, शिल्पकारों, बुनकरों, कामगारों एवं स्थानीय स्तर पर इनकों मजबूती मिलेगी। वाराणसी हिन्दू विश्वविद्यालय में एमसीए के छात्र राजनीतिज्ञ कुमार ने कहा कि सिर्फ अपने देश में बने सामानों का इस्तेमाल कर हम चीन को आर्थिक तौर पर करारा जवाब दे सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि हम यहां के लघु उद्योगों को बढ़ावा दें। चाइनी•ा वस्तुओं को किसी कीमत पर न खरीदें।
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