देशविरोधी नारों का समर्थन हिदुओं के लिए दुर्भाग्य की बात : ऋतंभरा
मोतिहारी। सुप्रसिद्ध कथावाचिका व सनातन धर्म की प्रखर ओजस्वी वक्ता साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि देश की आजादी के 70 साल बाद जब अपने देश को देखती हूं तो काफी दुख होता है।
मोतिहारी। सुप्रसिद्ध कथावाचिका व सनातन धर्म की प्रखर ओजस्वी वक्ता साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि देश की आजादी के 70 साल बाद जब अपने देश को देखती हूं तो काफी दु:ख होता है। जेएनयू में भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसा नारा लगानेवाले का हिन्दू भी साथ दे रहे है। यह हिदुओं के लिए दुर्भाग्य की बात है। हिन्दू धर्म को कमजोर करने का साजिश है। यदि भारत के असली अर्थ को समझना है तो पहले भारतीय होना होगा। वे यहां फुलवरिया में ाआयोजित नौ कुंडीय अतिरुद्र महायज्ञ परिसर में रविवार को प्रवचन कर रही थी। उन्होंने कहा कि यदि हम समृद्ध नहीं होते तो यहां लुटेरे क्यों आते? बिहार में भगवान बुद्ध ने दया व क्षमा का संदेश दिया। भारत में राजाओं में मारकाट मचा था, तब भी चारों ओर धर्म के लिए अनुष्ठान हो रहे थे। यह हमारे संस्कार को परिलक्षित करता है। क्षत्रपति शिवाजी महाराज जब अपने दुश्मनों की पुत्रियों को पालकी पर भेज रहे थे तो वे उसे देखने लगे और बोले कि काश मैं तेरी कोख से जन्म लेता तो मैं भी खूबसूरत होता। यहां स्त्रियों को भी देवी माना जाता है और उसकी पूजा की जाती है। आज दुनिया भारत की सभ्यता व संस्कृति देखने आती है। भारत की स्त्रियां कैसी होती है यह जानने आती है। मगर हम आयातित संस्कृति की ओर भाग रहे हैं। भगत सिंह को जब फांसी हुई तो उनके मां के आंख में आंसू थे तो उनसे पूछा कि क्यों रो रही हो। उन्होंने कहा कि एक और भगत सिंह जैसा बेटा होता तो देश के लिए उसे भी देकर धन्य हो जाती। उन्होंने कहा कि भारत को पुनर्जीवित करना है। इसलिए इस तरह का महायज्ञ हो रहा है। मौके पर भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह, अश्वमेघ पीठाधीश्वर उपेंद्र परासर जी महाराज, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रकाश अस्थाना, मुखिया अवधेश कुशवाहा, जिला महामंत्री प्रदीप सर्राफ, प्रखंड मुखिया संघ उपाध्यक्ष प्रभाकर मिश्र, प्रमोद शंकर सिंह, संतोष जायसवाल, पैक्सध्यक्ष संजीव शर्मा,संतोष मिश्रा,जयकांत मिश्र,रजनीश झा,प्रेम कुमार मिश्र,बुचुन तिवारी,उपमुखिया रौशन झा,हेमनारायण झा,रवि मिश्र,शैलेश कुशवाहा,रौशन गुप्ता,रोचक झा,,विजय कुशवाहा,बिकू कुमार,मुकेश गुप्ता,दिलीप शर्मा आदि मौजूद रहे।
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श्रीकृष्ण व राधा के का वर्णन सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु
सुगौली, संस : यह संसार मोह माया का जाल है और सभी लोग इसी में फंस जाते हैं। जब तक तन में प्राण है तब तक घर परिवार, रिश्तेदार व मित्र याद करते हैं। लेकिन जैसे ही प्राण निकल जाता है वह व्यक्ति साथ कुछ लेकर नहीं जाता है। उक्त बातें प्रखंड के फुलवरिया में आयोजित नव कुंडीय अतिरुद्र महायज्ञ परिसर में श्रीमद भागवत कथा में रविवार को सुप्रसिद्ध कथा वाचक साध्वी सत्यप्रिया दीदी ने कही। उन्होंने कृष्ण राधा के प्रेम व गोपियों के साथ की गई लीला का वर्णन किया। वहीं कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की गई झांकी, जिसपर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए।