कोरोना काल में उद्योग धंधे पर संकट के बीच निकले कई रास्ते
मोतिहारी। वर्ष 2020 का पूरा साल कोरोना के प्रभाव में रहा। छोटे-बड़े उद्योग की स्थिति बदहाल
मोतिहारी। वर्ष 2020 का पूरा साल कोरोना के प्रभाव में रहा। छोटे-बड़े उद्योग की स्थिति बदहाल रही। लेकिन सुखद बात यह रही कि इस काल में भी यहां चल रहे उद्योगों ने दम नहीं तोड़ा। साथ ही एक नया रास्ता बनाया जो रोजगार का अवसर का सृजन कर रहा है। वैसे तो बड़े उद्योग के नाम पर सुगौली चीनी मिल व इथेनॉल प्लांट ही प्रमुख है। यहां कोरोना काल में कार्य थोड़ा प्रभावित जरूर रहा, लेकिन समय के साथ उनकी स्थिति भी संभल गई और अब वे पटरी पर आ गई है। यहां न तो किसी का रोजगार गया और न कंपनी को अधिक नुकसान हुआ। इसी क्रम में हरसिद्धि में हिदुस्तान पेट्रोलियम कंपनी ने बॉटलिग प्लांट की स्थापना की। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से किया। इसके अलावा मेहसी में शीप बटन उद्योग को नया स्वरूप दिया गया। लंबे समय से लंबित चल रहे इस उद्योग को एक नई दिशा देने की दिशा में बेहतर कार्य किया गया। इस उद्योग के आधुनिक स्वरूप देकर प्रारंभ करने से रोजगार का एक नया अवसर मिला। पुराने धंधे से जुड़े लोगों को इस उद्योग में काम करने का अवसर मिला। खासकर वैसे मजदूर जो कोरोना काल में वापस लौटे थे, उनके लिए यह उद्योग वरदान साबित हुआ। बता दें कि मेहसी में इस उद्योग को दोबारा प्रारंभ करने की मांगे लंबे समय से लोग कर रहे थे। कोरोना काल में उनकी यह मांगे पूरी हुई और आसपास के दर्जनों पंचायतों के सैकड़ों लोगों को रोजगार का अवसर मिला। राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने वैसे मजदूरों के लिए एक नया अवसर देने का काम किया जो कोरोना काल में वापस लौटे थे। कलस्टर स्तर पर उद्योग की स्थापना के लिए सरकारी स्तर पर मदद की गई। छोटे स्तर पर उद्योग को स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। जिले में इस प्रकार के पांच कलस्टर के माध्यम से छोटे-छोटे उद्योग को स्थापित किया गया। सरकारी स्तर पर उन्हें दस लाख रुपये का भुगतान का प्रावधान है। इसमें पांच लाख की राशि चार कलस्टर को किया जा चुका है। इस प्रकार के उद्योग को स्थापित करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।