सड़क से गायब हुए फुटपाथ अतिक्रमण से सड़कें हुई संकीर्ण
शहर की आबादी बढ़ी। यातायात के लिए बनी सड़कों को भी चौडीकरण किया गया। लेकिन आम लोगों के चलने के लिए फुटपाथ नहीं बनाया गया।
मोतिहारी। शहर की आबादी बढ़ी। यातायात के लिए बनी सड़कों को भी चौडीकरण किया गया। लेकिन आम लोगों के चलने के लिए फुटपाथ नहीं बनाया गया। शहर के किसी सड़क पर फुटपाथ नहीं है। इस कारण पैदल चलने वाले लोग सीधे सड़क पर आ जाते हैं। इसका दुष्परिणाम भी उन्हें झेलना पड़ता है। आए दिन सड़क हादसे का शिकार पैदल चलने वाले लोग हो रहे हैं। रही सही कसर अतिक्रमण पूरी कर देती है। सड़कों का चौड़ीकरण आम लोगों की सुविधा के लिए किया गया, पर अतिक्रमणकारियों ने सड़क के दोनों किनारों पर कब्जा जमा लिया। सड़क के किनारे सजी अस्थायी दुकानों के कारण सड़क पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। सरकारी स्तर पर सड़क पर फुटपाथ के नहीं बनाए जाने व जहां फुटपाथ होना चाहिए उसे दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण करने से परेशानी और बढ़ गई है। जिले में प्रतिदिन बढ़ रहे वाहनों की संख्या के कारण सड़क पर पैदल चलने वाले आम लोग, स्कूली बच्चे व महिलाओं को अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है।
सड़क के किनारे वाहनों के लगाने से भी होती है परेशानी
बलुआ, सदर अस्पताल रोड, मीना बाजार, मधुबन छावनी चौक समेत कई खास-खास जगहों पर सड़क जाम का मुख्य कारण सड़क के किनारे वाहनों का लगाना होता है। सदर अस्पताल चौक की स्थिति और बदतर है। मीना बाजार चौक पर टैंपो के लगाने के कारण पैदल चलने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। चांदमारी-कचहरी रोड को छोड़कर अन्य किसी भी सड़क पर डिवाइडर नहीं है, जिसके कारण सड़क पर वाहन चालकों की मनमर्जी चलती है। चांदमारी रेलवे गुमटी पर सड़क के बीच में रेलवे के स्लीपर को रखा गया है। वहीं मधुबन छावनी चौक पर भी सड़क को बीच में घेरकर वाहनों का परिचालन कराया जाता है। ट्रैफिक व्यवस्था भी है बदहाल
शहर में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह बदहाल है। एक बार जाम लगने की स्थिति में लोगों को घंटों फंसे रहने की मजबूरी बन जाती है। मीना बाजार, मधुबन छावनी चौक, छतौनी समेत कई जगहों पर व्यवस्था को ठीक करने को लेकर पुलिस बल को तैनात जरूर किया गया है, पर वे कही भी सक्रिय नहीं दिखते हैं।