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ओवरब्रिज नहीं बनने के कारण जाम से कराह रहा रक्सौल

मोतिहारी। भारत-नेपाल की सीमा होने के बावजूद रक्सौल का अपेक्षित विकास नहीं हुआ। लोकसभा व वि

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 12:10 AM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 05:12 AM (IST)
ओवरब्रिज नहीं बनने के कारण जाम से कराह रहा रक्सौल

मोतिहारी। भारत-नेपाल की सीमा होने के बावजूद रक्सौल का अपेक्षित विकास नहीं हुआ। लोकसभा व विधानसभा चुनाव के समय जनप्रतिनिधि विकास का आश्वासन तो देते हैं, लेकिन ठोस काम नहीं होता। वैसे तो शहर में कई बुनियादी समस्याएं हैं, लेकिन यहां रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज का निर्माण नहीं होने से लोग जाम की भीषण समस्या से जूझ रहे हैं। यह इस बार के विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनेगा।

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गेटवे ऑफ नेपाल के नाम से चर्चित इस शहर का अंतरराष्ट्रीय महत्व है। रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने अक्टूबर 2004 में दो ओवरब्रिज का शिलान्यास किया था। लेकिन निर्माण का सपना पूरा नहीं हुआ। इसका मलाल सभी को है। लोगों का कहना है कि चुनाव करीब आते ही ताबड़तोड़ शिलान्यास व अर्धनिर्मित सड़कों, भवनों और पुलों का उद्घाटन कार्य शुरू हो जाता है। पूर्व में शिलान्यास के बाद रुके विकास कार्यो पर चर्चा भी नही होती। कुछ इसी तरह रक्सौल स्थित रेलवे क्रॉसिग पर निर्मित होने वाले पुल की स्थिति है। चुनाव आते ही माहौल अब धीरे-धीरे गर्म हो रहा है। शहर के चौक-चौराहों व पान दुकानों पर इन दोनों पुलों की चर्चा जोरों पर शुरू हो गई है। लोग खुलकर शिलान्यास करने वाले नेताओं को आड़े हाथ लेते हैं। कहते हैं कि ये केवल शिलान्यास कर अपनी पीठ थपथपा लेते है।

स्टेशन को ए ग्रेड का दर्जा : रेल मंत्रालय ने सीमावर्ती रक्सौल की महत्ता को देखते हुए इसे ए ग्रेड स्टेशन का दर्जा दे दिया है। लेकिन, दोनों ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शुरू नहीं होना लोगों को खलता है। लोगों में आक्रोश है। --------------------------------------------------

क्या कहते हैं लोग

डॉ. मनीष कुमार ने बताया रक्सौल के विकास के लिए रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज आवश्यक है। सीमावर्ती क्षेत्र काफी संवेदनशील है। सुरक्षा और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए शहर को मॉडल के रूप में विकसित होना चाहिए। फिलहाल इस शहर की पहचान देश के गिने-चुने सबसे गंदे शहर के रूप में है। जाम की समस्या से निजात के लिए ओवरब्रिज आवश्यक है।

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टेक्सटाइल्स चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अरुण कुमार गुप्ता ने कहा कि जब चुनाव आता है तो शिलान्यास का दौर शुरू हो जाता है। जात-पात धर्म मजहब जब तक चुनावी मुद्दा होगा, तब तक विकास की बात बेमानी है। विधानसभा लोकसभा चुनाव के वक्त प्रतिनिधि विकास का आश्वासन देते है। चुनाव में विकास कोई मुद्दा नही होता है। जनता उसी को वोट दे जो विकास करे।

---------------------------------------- मिट्टी जांच से आगे नहीं बढ़ा काम

शहर में जाम की समस्या से निजात के लिए तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने 31 अक्टूबर 2004 दो ओवरब्रिज का शिलान्यास किया था। तब लोगों में उम्मीद जगी कि अब उनका शहर जाम से मुक्त हो जाएगा। लेकिन अभी तक समपार संख्या 33 व 34 पर इस पुल का कार्य शुरू नहीं किया जा चुका है। लोगों की मानें तो कई बार पुल निर्माण के लिए मिट्टी की जांच भी की गई, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। देर तक बंद रहतीं गुमटियां

शहर के बीचोबीच अवस्थित दोनों गुमटियां 24 में 14 घंटे तक बंद रहती हैं। लोग जाम में कराहते रहते है। मशहूर डंकन हॉस्पिटल आने-जाने वाले मरीजों को एंबुलेंस में ही जिदगी और मौत से जुझना पड़ता है। लोगों का मानें तो कई मरीजों की मौत गुमटी बंद रहने के कारण हो चुकी है। वहीं स्कूली बच्चे भी जाम के झाम में फंसे रहते हैं। नतीजन विद्यालय समय से नहंी पहुंच पाते है।

फुट ओवरब्रिज निर्माण की गति धीमी

दिल्ली-काठमांडू को जोड़ने वाले मुख्यपथ पर फुट ओवरब्रिज का शिलान्यास अफरातफरी में पश्चिम चंपारण के सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने 2019 में किया। इसका निर्माण कार्य कच्छप गति से चल रहा।


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