रक्सौल इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट अटारी बार्डर पर निर्मित आइसीपी से बेहतर
मोतिहारी। रक्सौल में भारत-नेपाल सीमा पर आयात-निर्यात पहले से बढ़ गया है। इसकी जानकारी रंजीत कुमार आयुक्त सीमा शुल्क निवारण पटना ने मंगलवार को पत्रकारों को दी।
मोतिहारी। रक्सौल में भारत-नेपाल सीमा पर आयात-निर्यात पहले से बढ़ गया है। इसकी जानकारी रंजीत कुमार आयुक्त सीमा शुल्क निवारण पटना ने मंगलवार को पत्रकारों को दी। बताया कि सरकार व्यापार को बढ़ावा देने के लिए व्यापारियों को सुविधा उपलब्ध करा रही है। इस कड़ी में अंतरराष्ट्रीय महत्व के शहर में सात दिवसीय आइजीएसटी रिफंड मेला का आयोजन किया गया है। जिसमे इस बार्डर क्षेत्र के 1602 व्यापारियों का पैसा सरकार के पास किसी कारण से बकाया है। उसे तत्काल भुगतान किया जाएगा। आयात-निर्यात से जुड़े लोगों का पैसा तकनीकी जानकारी के अभाव में सरकार के खाते में पड़ा है। भुगतान और जामा ऑनलाइन हो रहा है। इस दौरान कोई कागजात या खाता नंबर गलत होगा तो भुगतान नही हो सकेगा। सात दिवसीय शिविर में भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र के चार्टर एकाउंटेंट, व्यापारियों और अधिकारियों को रिफंड संबंधित विशेष जानकारी दी जायेगी। इसके लिए रक्सौल में स्थाई हेल्प व्यापारियों को सीधा लाभ मिल सके। बताया कि आइसीपी से आयात-निर्यात शुरू होने से 30 प्रतिशत आयात और 80 प्रतिशत निर्यात बढ़ा है। रक्सौल इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट पाकिस्तान के अटारी बार्डर पर निर्मित आइसीपी से कई मामलों में बेहतर है। रक्सौल कस्टम का निर्माण राजस्व संकलन के लिए नही व्यापार को बढ़ावा देने के लिए निर्माण किया गया है। भारत और नेपाल का संबंध व्यापार के माध्यम से और मजबूत करना है। इसके लिए युवा व्यापारियों को आगे आने की बात कही। बताया कि रक्सौल देश का व्यापारिक हब बन सकता हैं। आवश्यकता है बेहतर ढंग से उद्योग धंधों को बढ़ावा दिया जाए। इस के लिए अधिकारियों को सहज होने की बात कही। श्री कुमार ने कहा कि सड़क, रेल मार्ग काफी बेहतर है। इसका लाभ व्यापारियों को मिल रहा। इस मौके पर रक्सौल कस्टम उपायुक्त आसुतोष कुमार सिंह, एसएसबी सहायक कमांडेंट राजकुमार कुमावत कस्टम अधिकारी सजंय कुमार मिश्रा, अशोक कुमार, आलोक कुमार, नवीन कुमार भाष्कर, अजित कुमार, एसपी शर्मा, एसके वर्डियार, रंजीत कुमार, कृष्णकांत पाठक आदि लोग उपस्थित थे।