गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे रहे रामू शरण बाबा
सुगौली प्रखंड से करीब 15 किमी दूर करमवा रघुनाथपुर में गरीब बच्चों को धर्म के ज्ञान के साथ नैतिक शिक्षा दी जा रही है। यह शिक्षा कोई शिक्षक नहीं बल्कि संत रामू शरण बाबा दे रहे हैं। झोपड़ी के घर के सामने प्रतिदिन सुबह में इनकी पाठशाला लगती है। यहां वैसे बच्चे आते हैं जो गरीब तबके के लोग हैं।
मोतिहारी । सुगौली प्रखंड से करीब 15 किमी दूर करमवा रघुनाथपुर में गरीब बच्चों को धर्म के ज्ञान के साथ नैतिक शिक्षा दी जा रही है। यह शिक्षा कोई शिक्षक नहीं, बल्कि संत रामू शरण बाबा दे रहे हैं। झोपड़ी के घर के सामने प्रतिदिन सुबह में इनकी पाठशाला लगती है। यहां वैसे बच्चे आते हैं जो गरीब तबके के लोग हैं। रामू बाबा 2020 में अयोध्या से घर वापस आए और गांव के बच्चों को शिक्षा देकर उन्हें बेहतर जीवन की सीख देने का संकल्प लिया। कभी मठ व मंदिर में केवल ईश्वर की पूजा करने वाले और लोगों को धर्म का ज्ञान बांटने वाले साधु गरीब बच्चों के बीच शिक्षा का दीप जलाने में लगे हुए हैं। प्रखंड के करमवा रघुनाथपुर में इनका जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम भोला पासवान माता नैन पति देवी के घर दूसरे संतान के रूप में जन्म हुआ। बचपन का नाम रामू पासवान था। इनके पिता सरकारी स्कूल में मध्य विद्यालय में सहायक शिक्षक थे। इनके माता-पिता पूजा-पाठ तथा धर्म ग्रंथ पढ़ने में काफी रुचि रखते थे। जिसका प्रभाव इनपर पड़ा। पिता के साथ पांच वर्ष की आयु से स्कूल जाने लगे, कितु अधिक दिनों तक भगवान को मंजूर नहीं था। इसके बाद इनके पिता का निधन हो गया, लेकिन मां की देखरेख में पढ़ते रहे। 12 वर्ष की उम्र में मात्र 3 रुपये लेकर घर से चुपके से सुगौली स्टेशन से पैसेंजर ट्रेन से गोरखपुर पहुंच गए। एक सज्जन मिले जो रामू बाबा को अयोध्या भेज दिया। जहां संतों से मुलाकात हुई और अपने साथ लेकर अपने आश्रम पर गए। दो गाय की सेवा का कार्य मिला। इनके कार्यशैली के बाद राम मंत्र की दीक्षा मिली तथा पढ़ने लिखने के साथ रामायण का पाठ पढ़ने के लिए प्रेरित किया। शिक्षा दीक्षा गुरु श्री जानकी शरण महाराज जी थे। ये आगे चलकर बीए की डिग्री प्राप्त की तथा अध्यात्म सनातन धर्म का ज्ञान और संत-महात्माओं से ज्ञान प्राप्त किया। अब इनके मन में अपने घर आकर समाज सेवा करने की भावना जागृत हुई। जिसके बाद 2020 में अपने जन्म धरती करमवा आ गए। करमवा रघुनाथपुर बाजार पेट्रोल पंप के बगल में रामू शरण बाबा अपने निजी जमीन में फूस की कुटिया बनवाया। बाबा द्वारिका नाथ बाबा मंदिर के परिसर में गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे रहे हैं और सत्संग प्रवचन भी दे रहे हैं।