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आरओबी निर्माण को लेकर रेलवे ने बिहार सरकार को लिखा पत्र

मोतिहारी। पूर्व मध्य रेल मुख्य अभियंता निर्माण विभाग ने बिहार के विभिन्न जिलों में निर्माण के लिए प्रस्तावित आरओबी के निर्माण के संबंध में प्रधान सचिव पथ निर्माण विभाग को पत्र दिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jan 2020 10:34 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jan 2020 10:34 PM (IST)
आरओबी निर्माण को लेकर रेलवे ने बिहार सरकार को लिखा पत्र
आरओबी निर्माण को लेकर रेलवे ने बिहार सरकार को लिखा पत्र

मोतिहारी। पूर्व मध्य रेल मुख्य अभियंता, निर्माण विभाग ने बिहार के विभिन्न जिलों में निर्माण के लिए प्रस्तावित आरओबी के निर्माण के संबंध में प्रधान सचिव पथ निर्माण विभाग को पत्र दिया है। जिसमे प्रदेश के विभिन्न जिलों के रेलखंड पर तेरह आरओबी निर्माण के संबंध में एनओसी और लागत में शेयरिग के संबंध में सहमति मांगा है। जिसमें भारत-नेपाल सीमा के रक्सौल-नरकटियागंज और रक्सौल-सीतामढ़ी रेलखंड पर स्टेशन के पूरब और पश्चिम में दो आरओबी का निर्माण प्रस्तावित है। इसको लेकर रेलवे ने पत्र दिया है। बिहार सरकार प्रारंभिक कार्य जैसे मिट्टी जांच, जीएडी और डीपीआर बनाने के लिए तत्काल राशि उपलब्ध करने को कहा है। बता दें कि दिल्ली-काठमांडू को जोड़ने वाली मुख्य पथ स्थित रेलवे क्रासिग फाटक संख्या 34 और एयरपोर्ट रोड परेउवा 33 पर आरओबी प्रस्तावित है। जिसका शिलान्यास 2004 में तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने किया था। जिसका मिट्टी जांच भी हुई थी। पूर्व मध्य रेलवे महेंद्रूघाट पटना के अभियंता नरेंद्र सिंह ने जो पत्र दिया है। उक्त सूची में रक्सौल आरओबी दूसरे नंबर पर है। पड़ोसी देश नेपाल का 80 प्रतिशत कारोबार रक्सौल के रास्ते होता है। इस अंतरराष्ट्रीय महत्व के शहर को नेपाली जनता भारत समझती है। इसलिए इस शहर को स्मार्ट शहर और मास्टर प्लान के तहत विकसित करने की आवश्यकता है। सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने राज्य और केंद्र सरकार से मांग किया है। रक्सौल जाम समस्या और चहुमुंखी विकास के लिए प्राथमिकता के आधार पर रेलवे क्रांसिग पर ऊपरी पुल का निर्माण किया जाए।

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बीते वर्ष में आरओबी निर्माण के लिए मांगी गई थी प्राथमिकता

बीते वर्ष भी आरओबी के निर्माण को लेकर रेलवे के अधिकारी ने बिहार सरकार को पत्र लिखा था। इसको लेकर दैनिक जागरण ने खबर प्रकाशित किया था। जिसमें लेवल क्रासिग संख्या 33 एवं 34 पर आरओबी निर्माण के संबंध में राज्य सरकार की सहमति को लेकर पथ निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (बजट एवं योजना) हनुमान प्रसाद चौधरी ने कार्यपालक अभियंता, पथ प्रमंडल, मोतिहारी को पत्र दिया था। जिसमें बताया था कि रेलवे द्वारा विषयांकित लेवल क्रासिग के बदले आरओबी निर्माण हेतु 50:50 प्रतिशत कॉस्ट शेयरिग पर राज्य सरकार की सहमति की अपेक्षा की गई है। इस संबंध में प्रासंगिक पत्र के माध्यम से कार्यपालक अभियंता, पथ प्रमंडल, मोतिहारी द्वारा फिजिबिलिटी रिपोर्ट समर्पित कर दी गई थी। निर्देशानुसार दोनों लेवल क्रासिग संख्या 33 एवं 34 पर आरओबी के निर्माण हेतु प्राथमिकता के आधार पर किस लेवल क्रासिग पर आरओबी का निर्माण ज्यादा जरूरी है इस संबंध में विस्तृत प्रतिवेदन शीघ्र उपलब्ध कराने को कहा गया था। तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने वर्ष 2004 में आरओबी निर्माण का किया था शिलान्यास

स्थानीय लोगों की समस्याओं और भारत-नेपाल के बीच आवागमन को देखते हुए वर्ष 2004 में आरओबी निर्माण को लेकर शिलान्यास हुआ था। पश्चिमी चंपारण लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद पं. रघुनाथ झा ने तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव को वर्ष 2004 में रक्सौल आरओबी निर्माण का शिलान्यास कराया था। इसको लेकर बीते वर्ष जनवरी माह में पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर रेलवे फाटक संख्या 33 ए पर आरओबी के निर्माण को लेकर एसडीओ अमित कुमार के नेतृत्व में भूमि की पैमाइश हुई थी। जिसमें शहर के बाटा चौक से कस्टम के मैत्री पुल तक आरओबी बनाने की बात कही गई थी । तब बताया गया था कि आरओबी निर्माण के लिए पथ निर्माण विभाग द्वारा बहुत जल्द राशि आवंटित कर दी जायेगी। उसके साथ ही एजेंसी द्वारा कार्य भी आरंभ कर दिया जायेगा। वहीं एसडीओ ने बताया कि आरओबी निर्माण के लिए 33 ए गुमटी से 300 फीट दक्षिण व 300 फीट उत्तर दिशा तक होगा। जिसकी चौड़ाई 60 फीट होगी। साथ ही उन्होंने बताया कि आरओबी निर्माण में अगर अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता पड़ी तो आसपास की जमीन को अधिग्रहण भी किया जाएगा। इस पुल के निर्माण नहीं होने से शहर में आए दिन जाम की समस्या बनी रहती है।


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