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औसाफ बने सेना में लेफ्टिनेंट तो ननिहाल में जश्न का माहौल

मोतिहारी। औसाफ के सेना में लेफ्टिनेंट बनने की खबर जैसे आई शहर के अगरवा स्थित उसके ननिहाल में जश्न का माहौल छा गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 11:28 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 11:28 PM (IST)
औसाफ बने सेना में लेफ्टिनेंट तो ननिहाल में जश्न का माहौल

मोतिहारी। औसाफ के सेना में लेफ्टिनेंट बनने की खबर जैसे आई शहर के अगरवा स्थित उसके ननिहाल में जश्न का माहौल छा गया। वजह यह है कि एसएम तकी इमाम व अम्माहनी अहमद के घर के नाती औसाफ के भारतीय सेना में अधिकारी के पद पर नियुक्ति होना। बिहार के लाल ने अपनी हिम्मत व मेहनत के बल पर ऐसा काम कर दिखाया कि उसके मां-बाप व ननिहाल सहित पूरे सूबे का सिर एक बार फिर शान से उठ गया है। दरअसल हम बात कर रहे है औसाफ तहामी की, जो भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गया है। बीते शनिवार को गया में अफसर प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) के ड्रील मैदान में 14वीं पा¨सग आउट परेड व पि¨पग सेरेमनी के पूर्व पिता कैसर रजा व मां सनोबर इमाम ने जब उसके कंधों पर स्टार लगाया तो दोनों गर्व से फूले नहीं समा रहे थे। वही औसाफ की उपलब्धि की जानकारी जैसे-जैसे लोगों को मिली उसके नाना को जानने वाले घर पहुंच नाती की उपलब्धि पर बधाई देते दिखे। इस कड़ी में एनामुल हक व लालबाबू खां सर्वप्रथम पहुंचे और नाती की उपलब्धि पर नाना तकी इमाम को बधाईयां दी।

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जानकारी के अनुसार औसाफ सूबे के मुजफ्फरपुर चांदबारा मोहल्ला का निवासी है, जबकि उसका जन्म ननिहाल मोतिहारी के अगरवा स्थित नाना पथ निर्माण विभाग से सेवानिवृत्त एसएम तकी इमाम व सेवानिवृत्त शिक्षिका नानी अम्माहनी अहमद की देखरेख में एक निजी नर्सिंग होम में हुआ। बता दें कि औसाफ तहामी के पिता एयरफोर्स में जूनियर वारंट आफिसर के पद पर तैनात हैं। मां सनोवर इमाम विशुद्ध रूप से गृहिणी हैं, जबकि बड़ा भाई अलताफ समीन गुड़गांव स्थित कंपनी में इंजीनियर है। औसाफ तहानी ने दूरभाष पर बताया कि देश सेवा मेरे लिए सर्वोच्च है। चूंकि बचपन से ही सैनिक स्कूल में पढ़ा जिस कारण देश सेवा की भावना सोच बन गई है। उसने कहा कि आर्मी की नौकरी में सिर्फ जवान बनने की ही संभावना नहीं है, बल्कि अफसर भी बना जा सकता है। अगर सच्चे मन व लगन से ऊंचाई की बुलंदी तक पहुंचा जा सकता है। आपकी सोच सही दिशा में होती है तो सारी कायनात उसे पूरा करने में जुट जाती है। बचपन से ही सेना की वर्दी से था प्रेम औसाफ तहानी ने बताया कि सेना की वर्दी से प्रेम उसे बचपन से ही था। पिता इंडियन एयर फोर्स में है। जिस कारण, सेना की बहादुरी के किस्से सुनने को मिलते थे और यह सब उन्हें बहुत अच्छा लगता था। पिता कैसर रजा ने बताया कि औसाफ ने केंद्रीय विद्यालय खड़गपुर से दसवीं व केंद्रीय विद्यालय बरेली से बारहवीं पास करने के बाद औसाफ ने पूणे स्थित कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजनिय¨रग में प्रवेश लिया। यह उसकी अपनी इच्छा थी। पढ़ने में शुरू से होनहार था, इसलिए हम लोगों ने कभी उसपर अपना निर्णय नहीं थोपा। नाना-नानी चाहते थे एसपी बनूं : औसाफ

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औसाफ ने बताया कि उसके नाना एसएम तकी इमाम व नानी उम्माहनी अहमद उसे एसपी बना देखना चाहते थे। बार-बार इस दिशा में तैयारी करने को प्रोत्साहित भी करते थे। उसके पिता पहले से देश सेवा में लगे है। औसाफ ने बताया कि बात-बात में उसने नाना को बताया कि वह एसपी से भी बड़े पद की तैयारी कर रहा है। औसाफ ने कहा कि आज वह जो कुछ भी हैं, उसके पीछे उसके नाना-नानी व माता-पिता की प्रेरणा है। पिता नौकरी के चलते अलग-अलग शहरों में जाते, साथ में पूरा परिवार। लेकिन इस कड़ी में मां ने घर संभालने के साथ हमें ¨जदगी में सफल होने के लिए खुली छूट के साथ अच्छी तालीम दी।


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