हत्या मामले में एक को आजीवन कारावास, तीन को एक-एक वर्ष की सजा
मोतिहारी। प्रथम त्वरित न्यायालय के न्यायाधीश पारसनाथ शर्मा ने हत्या मामले में दोषी पाते हुए नामजद एक अभियुक्त को आजीवन कारावास व दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
मोतिहारी। प्रथम त्वरित न्यायालय के न्यायाधीश पारसनाथ शर्मा ने हत्या मामले में दोषी पाते हुए नामजद एक अभियुक्त को आजीवन कारावास व दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सजा कल्याणपुर थाना के जमुनापुर निवासी विदा राय को हुई। वहीं नामजद अन्य तीन अभियुक्तों सकल राय, राजदेव राय व सहदेव राय को धारा 323 भादवि में दोषी पाते हुए एक-एक वर्ष की साधारण कारावास की सजा सुनाई। अन्य दस अभियुक्त साक्ष्य के आभाव में दोषमुक्त कर दिए गए। मामले में स्थानीय निवासी बासदेव राय ने कल्याणपुर थाना कांड संख्या-23/2000 दर्ज कराते हुए 24 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया था। जिसमें कहा था कि 13 मई 2000 की संध्या उसका चचेरा पोता हरिलाल राय घर बनाने के लिए ट्रक से बालू लाया था। घर तक ट्रक नहीं जाने के कारण वह बालू को अपने बथान के समीप गिराने लगा। जिसका विरोध अभियुक्त विदा राय करने लगे। जिसको लेकर सभी नामजद लोग हरवे हथियार से आकर उसे व उसके पोता को मारपीट करने लगे। विदा राय अपने हाथ में लिए बर्छा हरिलाल राय के छाती में घुसेड दिया। जिससे घटना स्थल पर ही उसकी मौत हो गई। पुलिस अनुसंधान के बाद 14 लोगों के विरूद्ध आरोप पत्र समर्पित किया। सत्रवाद 575/2000 विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक ललिता प्रसाद ललित व सूचक की ओर से वरीय अधिवक्ता कन्हैया प्रसाद सिंह ने 8 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष एवं दलीलें दी। बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता उमाकांत शुक्ला ने जोरदार पक्ष रखा था। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के बहस व बचाव पक्ष की ओर से सजा के बिदु पर सुनवाई करते हुए उक्त सजा सुनाई।