अब डाकिया की तरह आएंगे डॉक्टर, घर बैठे मिलेगी मेडिकल सेवा, जानिए
एेसे कई लोग हैं जो अपनी बीमारी को लेकर स्वास्थ्य केंद्र नहीं जाते और बीमारी को नजरअंदाज करते हैं। एेेसे में अब सरकारी डॉक्टर दूर-दराज गांवों में शिविर लगाकर मरीजों का इलाज करेंगे।
पूर्वी चंपारण [जेएनएन]। बिहार में ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो अपनी तकलीफों को लेकर स्वास्थ्य केंद्र जाना जरूरी नहीं समझते। जानकारी के अभाव में स्वास्थ्य संबंधी छोटी-मोटी समस्या नजरअंदाज कर देते हैं। वही समस्या आगे चलकर परेशानी खड़ी कर देती है।
इस बात को ध्यान रखते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक लोकेश कुमार सिंह ने सरकारी डॉक्टरों को दूर-दराज के गांवों में जाकर इलाज करने को कहा है। उन्होंने इस संबंध में सूबे के सभी सिविल सर्जन को निर्देश दिया है। इसके तहत 17 सितंबर को जिले के सभी प्रखंडों में स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे।
विशेषज्ञ चिकित्सक देंगे सेवाएं
शिविर में सामान्य चिकित्सक, स्त्री रोग विशेषज्ञ और शिशु रोग विशेषज्ञ सहित पारा मेडिकल कर्मी रहेंगे। ओपीडी की सेवाएं, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जांच, रक्तचाप जांच, नेत्र जांच, मधुमेह जांच, हीमोग्लोबिन की जांच और नियमित टीकाकरण के साथ गंभीर बीमारी का पता चलने पर रेफर किया जाएगा। इसके लिए मौके पर एंबुलेंस उपलब्ध रहेगी। दवाएं भी निश्शुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी।
स्वास्थ्य शिविर में जांच के लिए आवश्यक उपकरण भी रहेंगे। मरीजों के बैठने व पेयजल सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। शिविर के प्रचार-प्रसार का भी निर्देश दिया गया है ताकि अधिक से अधिक लोग लाभ उठा सकें।
सिविल सर्जन डॉ. बीके ङ्क्षसह ने बताया कि 17 सितंबर को दूर-दराज के गांव एवं शहरी स्लम में स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। व्यवस्था की देखरेख के लिए नोडल पदाधिकारी भी बनाए जाएंगे।