जल निकासी की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं, सर्वत्र पसरी गंदगी
मोतिहारी। अंतरराष्ट्रीय महत्व के शहर रक्सौल के कई इलाके में बरसात के दिनों में टापू में तब्दील हो जाते है।
मोतिहारी। अंतरराष्ट्रीय महत्व के शहर रक्सौल के कई इलाके में बरसात के दिनों में टापू में तब्दील हो जाते है। जल निकासी इस शहर की बड़ी समस्या है। कई जगहों पर बने नाले जर्जर होकर टूट चुके हैं। कुछ में जल-जमाव, मिट्टी व कचरा भर गया है। तो कुछ लोग पक्का नाली को मिट्टी से भर उसका अस्तित्व ही समाप्त कर दिए है । कोइरियाटोला सहित कई जगहों पर पानी की निकासी ही बंद कर दी गई है। इन गंभीर समस्याओं की ओर नपकर्मी गंभीर नहीं है। जल निकासी का अभी तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो पाई है। बरसात के दिनों में नाली का गंदा पानी घरों व प्रतिष्ठानों में प्रवेश कर जाता है। सड़कों पर दो से तीन फिट पानी बहने लगता है। जिसे आवागमन में काफी परेशानी होती है। तब जनप्रतिनिधियों व शहरवासी को जलनिकासी की समस्या याद आती है। बरसात बीतते ही नपकर्मी इसे ठंडे बस्ते में डाल देते है। फिर दोबारा इधर ध्यान नहीं करते है। जिसे इस समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। हालांकि शहरवासी इस समस्या को पिछले कईं सालों से झेल रहे है। सरकार शहर की सौन्दर्यीकरण साफ-सफाई पर लाखों रुपये खर्च कर रही है, परंतु मछली बाजार रोड, हजारी मल्ल हाई स्कूल के सामने वाले नाला, मौजे चौक, पुराना एक्सचेंज रोड के नालों में सालों भर नाली का गंदा पानी जमा रहता है। जिससे कई संक्रमित बीमारियों के फैलने की भी संभावना बनी रहती है ।
कहते है वार्ड पार्षद
वार्ड नंबर 19 के पार्षद सत्यम कुमार श्रीवास्तव उर्फ नन्हें श्रीवास्तव ने बताया कि कॉलेज रोड वाला जलजमाव की समस्या से स्थानीय विधायक डॉ. अजय कुमार सिंह को अवगत कराया गया है। उक्त स्थल की पैमाइस भी हो गई है। जल्द ही टेंडर होने वाला है। जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा । वार्ड नंबर 24 की पार्षद जयमंती देवी ने बताया कि साइफन वाला नाला भूस्वामी द्वारा भर दिया गया है। अब जलजमाव की समस्या से मोहल्लावासियों के निजात हेतु मिलिट्री रोड के नाले से छोटे बड़े नाले को भविष्य में जोड़ा जाएगा । 21 नंबर की वार्ड पार्षद गायत्री देवी ने बताया कि रामगोविद राम पथ डॉ. बीके प्रसाद के घर से मछली बाजार होते हुए मुख्य पथ तक आरसीसी नाला निर्माण कराने की मांग बोर्ड की बैठक में उठाई गई है तथा लिखित भी दी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही हमारी मांगें पूरी हो जाएगी । कहते है अभियंता
नप के अभियंता ई. अजय शंकर ने बताया कि जल निकासी हेतु बड़े नालों का प्रपोजल विभाग को भेजा गया है। स्वीकृति व आवंटन प्राप्त होने के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा । कहते है उपमुख्य पार्षद
उप मुख्य पार्षद काशीनाथ प्रसाद ने बताया कि बारिश के दिनों में जमा पानी बांध कटवा कर निकलवा दिया जाता है। निचले तह में जमे पानी को पंपसेट चलवाकर निकलवाया जाता है। होम पाइप की व्यवस्था की जाती है। जल निकासी की स्थायी समाधान के दिशा में प्रयास किया जा रहा है ।