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मुसहरवा-परसौनी भट्ठा के बीच ध्वस्त पुल बनेगा

मोतिहारी। पलनवा, देर से ही सही दैनिक जागरण की पहल ने रंग लाई। अब भेलाही पंचायत के मुसहरवा परसौनी भट्ठा नेपाल बॉर्डर पर टूटे पुल का निर्माण यथाशीघ्र कराया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 11:46 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 11:46 PM (IST)
मुसहरवा-परसौनी भट्ठा के बीच ध्वस्त पुल बनेगा

मोतिहारी। पलनवा, देर से ही सही दैनिक जागरण की पहल ने रंग लाई। अब भेलाही पंचायत के मुसहरवा परसौनी भट्ठा नेपाल बॉर्डर पर टूटे पुल का निर्माण यथाशीघ्र कराया जाएगा। इसके लिए विभागीय कवायद शुरू हो गई है। इस क्रम में अभियंता प्रमुख सह अपर आयुक्त सह विशेष सचिव ने सरकार के अपर सचिव गृह विभाग विशेष शाखा पटना व कार्यपालक अभियंता पथ निर्माण विभाग पथ प्रमंडल मोतिहारी को पत्र प्रेषित कर निर्देशित किया है। जिसमें बताया है कि इंडो-नेपाल बॉर्डर के मुसहरवा परसौनी भट्ठा नो मैंस लैंड पर क्षतिग्रस्त बॉक्स कलवर्ट की जगह नया पुल का निर्माण कराया जाए, ताकि बॉर्डर के दोनों ओर बसे लोगों को यातायात की सुविधा प्रदान हो सकें। इसके लिए उक्त प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री का अनुमोदन प्राप्त हो चुका है। टूटे पुल निर्माण की समस्या को लेकर दैनिक जागरण 05 दिसंबर 2007 को ध्वस्त पुल की मरम्मत नहीं होने से ग्रामीण परेशान, 12 दिसंबर 2008 को सीमा को जोड़नेवाला पुल शीघ्र, 23 दिसंबर 2010 तीन वर्षो बाद भी पुल का निर्माण नहीं, 2018 में डीएम के आगमन से लोगों में जगी टूटे पुल के निर्माण की उम्मीद शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित करते आ रहा है। पुल निर्माण का प्रशासनिक आदेश के बाद क्षेत्र के लोगों के चेहरे खिल उठे है। वहीं पुल निर्माण को ले दैनिक जागरण के लगातार पहल की चहुओर प्रशंसा हो रही है। उक्त पुल 2007 के बाढ़ में ध्वस्त हो गया था। इसके बाद से उक्त मार्ग से बरसात के दिनों में आवागमन प्रभावित हो गया है। जिसे पर्सा जिला नेपाल के परसौनी भट्ठा, महुअवन, पोखरिया, श्रीपुर पंचगांवा, पकहा मैनपुर, रानीगंज सिरिसिया सहित दर्जनों गांवों का भारत के सीमावर्ती बाजार एवं गांवों से संपर्क टूट गया है। इसको लेकर कई जिलाधिकारियों ने निरीक्षण कर सरकार को पत्र भेजा था। 11 दिसंबर 2008 को निर्वतमान जिलाधिकारी नर्मदेश्वर लाल ने उक्त पुल का निरीक्षण किया। मौके पर उपस्थित निर्वतमान एसडीओ अर्जुन प्रसाद साह से जानकारी ली थी कि पुल नेपाल में है या भारत में। पुल का निर्माण किस योजना से हुआ है। इसकी तत्परत रिपोर्ट उपलब्ध कराने की बात कही थी। उसके बाद निवर्तमान जिलाधिकारी अभिजीत सिन्हा ने भी उक्त पुल का निरीक्षण किया था। वहां उपस्थित लोगों ने अपनी व्यथा सुनाते ही कहा था कि बरसात के दिनों में पुल के ध्वस्त हो जाने से आवागमन बंद हो जाता है। इसपर डीएम ने इंडो-नेपाल बॉर्डर के अधिकारियों की बैठक में इस मुद्दे को रखने की बात कही थी। इधर बीते वर्ष जिलाधिकारी रमण कुमार के पुल निरीक्षण के उपरांत लोगों में पुल निर्माण को ले उम्मीद जगी थी। नववर्ष में पुल निर्माण की नव सौगात पाकर क्षेत्र के लोग फूले नहीं समा रहे है।

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