शिक्षक नियोजन व तबादले की जाच को फिर पहुंची निगरानी टीम
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने सोमवार को एक बार फिर मोतिहारी पहुंची। यहा वर्ष 2002 में हुए शिक्षक नियोजन और गलत तरीके से स्थानातरण के मामले की बाबत स्थानीय टीम के अधिकारियों से जानकारी ली।
मोतिहारी। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने सोमवार को एक बार फिर मोतिहारी पहुंची। यहा वर्ष 2002 में हुए शिक्षक नियोजन और गलत तरीके से स्थानातरण के मामले की बाबत स्थानीय टीम के अधिकारियों से जानकारी ली। यह जाना कि शिक्षकों के तबादले को लेकर जारी किए गए पत्रों को कहा और किसने रखा। अधिकारियों ने दफ्तर के दस्तावेजों का अवलोकन किया। साथ ही कर्मियों से आवश्यक जानकारी ली। बताया गया है कि सोमवार को टीम डीएसपी के नेतृत्व में अचानक से दफ्तर में दाखिल हुई। दाखिल होने के साथ संबंधित शिक्षकों के बारे में जानकारी के लिए संबंधित कर्मियों से आवश्यक पूछताछ की। इसके साथ ही संबंधित शिक्षकों के नियोजन व उनके तबादले को लेकर विभागीय स्तर पर किए गए पत्राचार से संबंधित संचिकाओं को खंगाला।
याद रहे कि वर्ष 2002 में पूर्वी चंपारण जिले में 16 शिक्षकों की पदस्थापना गलत तरीके से स्थानातरण आदेश जारी कर जिले के विभिन्न विद्यालयों में कर दी गई थी। सभी ने लाखों रुपये की निकासी वेतन मद में कर ली। मामला उच्च न्यायालय तक पहुंचा। फिर कोर्ट के आदेश पर इसकी जाच निगरानी को सौंपी गई। निगरानी की टीम 23 अक्टूबर को जब मोतिहारी स्थित शिक्षा विभाग की स्थापना कार्यालय में जाच को पहुंची तो पता चला कि 16 के अलावा 8 और ऐसे शिक्षक हैं, जिनका स्थानातरण फर्जी आदेश पत्र के आधार पर कर दिया गया और वो भी सरकारी वेतन सालों से उठा रहे हैं। इस मामले का सबसे आश्चर्यजनक पहलू यह है कि अबतक निगरानी को संबंधित शिक्षकों का सर्विस बुक तक शिक्षा विभाग हस्तगत नहीं करा पाया है। समाचार प्रेषण तक डीएसपी के नेतृत्व में जाच चल रही थी।