मोतिहारी में महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल बनेगा
मोतिहारी। मोतिहारी में महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की स्थापना की दिशा में अब पहल शुरू कर दी गई है। इसको लेकर शनिवार को बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री प्रमोद कुमार ने सिविल सर्जन कार्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक की।
मोतिहारी। मोतिहारी में महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की स्थापना की दिशा में अब पहल शुरू कर दी गई है। इसको लेकर शनिवार को बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री प्रमोद कुमार ने सिविल सर्जन कार्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक की। इस क्रम में उन्होंने सदर अस्पताल से संबंधित संसाधनों की जानकारी ली। उपलब्ध भूमि के बारे में भी पूछा। उन्होंने कहा कि मोतिहारी प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है। भविष्य में यहां प्रमंडल मुख्यालय भी हो सकता है। ऐसे में इतने बड़े इलाके में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की कमी के कारण आम लोगों को परेशानी होती है। इसके लिए कम से कम सौ किलोमीटर की दूरी तय कर लोगों को इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल को मेडिकल कॉलेज के रूप में विकसित किया जा सकता है। इसके लिए कम से कम 30 एकड़ भूमि की दरकार होती है। जबकि यहां 35 एकड़ भूमि उपलब्ध है। यह सौ बेड का पूर्व से ही अस्पताल है, जिसे पांच सौ तक विस्तारित करने की स्वीकृत योजना है। ओपीडी के लिए भी भवन उपलब्ध है। जीएनएम एवं एएनएम स्कूल व हॉस्टल की भी सुविधा है। मेडिकल कॉलेज के लिए आवश्यक करीब 60 प्रतिशत संसाधन यहां पहले से ही उपलब्ध हैं। मंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को यादगार बनाने के लिए उनके नाम पर मोतिहारी में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की मांग केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री से उन्होंने की थी। ऐसे स्थान पर मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना भी केंद्र सरकार ने बनाई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस दिशा में पहल कर रहे हैं। यह बैठक भी उसी पहल का हिस्सा है। बैठक के बाद मंत्री ने अधिकारियों के साथ सदर अस्पताल परिसर का मुआयना किया। मौके पर सिविल सर्जन डॉ. रिजवान अहमद, सदर एसडीओ प्रियरंजन राजू, डीसीएलआर अजीत कुमार आदि उपस्थित थे।
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सदर अस्पताल मेडिकल
कॉलेज के लिए उपयुक्त मंत्री ने कहा है कि सदर अस्पताल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के लिए सबसे उपयुक्त स्थल है। इसका रकबा 35.48 एकड़ है। इसके ओपीडी में प्रतिदिन 15 सौ से दो हजार मरीज डॉक्टरी परामर्श के लिए आते हैं। वरिष्ठ चिकित्सकों एवं व्यवस्था के अभाव में समुचित इलाज नहीं हो पाता है। जिसके कारण आर्थिक स्थिति से कमजोर मरीजों को 100 से 250 किमी दूरी तय कर दूसरे संस्थानों में जाना पड़ता है। मंत्री ने मुख्य सचिव से मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की स्थापना के लिए जिलाधिकारी से प्रस्ताव की मांग कर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को भेजने का आग्रह किया है। ताकि इस दिशा में आगे की कार्रवाई की जा सके।