व्यवसाय को हो रहा नुकसान, मगर देश को नहीं होने देंगे तबाह
देश मे लागू लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था की रफ्तार को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया है। तकरीबन सभी तरह की आर्थिक गतिविधियां ठप हैं। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित व्यवसायी वर्ग को होना पड़ा है। जानकारों की मानें तो केवल पूर्वी चंपारण जिले में कम से कम 15 करोड़ से ज्यादा का व्यवसाय अब तक प्रभावित हुआ है।
मोतिहारी । देश मे लागू लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था की रफ्तार को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया है। तकरीबन सभी तरह की आर्थिक गतिविधियां ठप हैं। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित व्यवसायी वर्ग को होना पड़ा है। जानकारों की मानें तो केवल पूर्वी चंपारण जिले में कम से कम 15 करोड़ से ज्यादा का व्यवसाय अब तक प्रभावित हुआ है। हालांकि, नुकसान होने के बावजूद भी व्यवसायी वर्ग लॉकडाउन के पक्ष में दिख रहे हैं। अधिकांश व्यवसायियों का मानना है कि जब तक कोरोना का कोई ठोस इलाज अथवा वैक्सीन नही मिल जाता लॉकडाउन ही बचाव का एक मात्र उपाय है। व्यवसाय को भले जितना नुकसान होना है हो, मगर देश को परेशान नहीं होने देंगे। इस संदर्भ में दैनिक जागरण ने कुछ व्यवसायियों से बात की। रोहित गुप्ता, कपड़ा व्यवसायी : लॉक डाउन की वजह से अब तक लाखों का नुकसान हुआ है। दुकान बंद होने के बावजूद भी वो अपने स्टाफ को सैलरी दे रहे हैं। मगर देश में जानमाल की क्षति न हो इसके लिए जरूरी है कि फिलहाल सरकार द्वारा जारी निर्देशो का पालन किया जाए।
विक्की सचदेवा, रेस्टोरेंट ऑनर : कोरोना महामारी से बचना फिलहाल सबसे जरूरी है। देश बचेगा तो व्यवसाय फिर से खड़ा कर लेंगे। वैसे अब वो अपने व्यवसाय को पूरी तरह ऑनलाइन प्लेटफार्म ले जाने की सोच रहे हैं।अगर सरकार इजाजत देती है तो वो जल्द ही शहर में अपने प्रोडक्ट्स की होम डिलीवरी शुरू कर देंगे।
विशाल, अलंकार ज्वेलर्स: लॉक डाउन की वजह से व्यवसाय में अब तक लाखों का नुकसान हुआ है। अमूमन लग्न के समय गहनों की भारी डिमांड होती है। लेकिन कोरोना महामारी के कारण पिछले एक महीने से दुकान बंद है। अक्षय तृतीया भी इस बार सूना रह गया है। हालांकि सरकार ने लॉक डाउन लगाकर सही कदम उठाया है।