लॉकडाउन ने उड़ा दी फूलों की महक, बर्बाद हुए लाखों रुपये
कोरोना के कारण लॉकडाउन ने फूलों की महक भी उड़ा दी है। शादी विवाह व मठ मंदिर तक बंद होने से इसकी खेती करनेवाले किसानों को भयंकर आíथक संकट झेलनी पड़ रही है।
मोतिहारी । कोरोना के कारण लॉकडाउन ने फूलों की महक भी उड़ा दी है। शादी विवाह व मठ मंदिर तक बंद होने से इसकी खेती करनेवाले किसानों को भयंकर आíथक संकट झेलनी पड़ रही है। राजनीतिक दलों का कार्यक्रम भी बंद है, जिससे परेशानी बढ़ती जा रही है। पिपराकोठी के दक्षिण ढेकहां में गुलजार हुई गेंदे के फूल की महक लॉक डाउन ने उड़ा दी है। इससे दर्जनों किसानों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई हैं। फूल की खेती करने वाले किसानों के लाखों रुपये बर्बाद हो गए। बड़ी तमन्ना के साथ वे खेतों में फूल लगाए थे। फूल भी खूब खिले, मगर लॉकडाउन ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। न फूल कहीं भेजे जा सके और नहीं मंडी में फूलों का कोई खरीदार। इस बार लॉकडाउन ने फूलों की खेती करने वालों के चेहरों को फूलों की तरह ही मुरझा दिया है। शादी-ब्याह, धाíमक समारोह बैठकें-सेमिनार, समारोह या दूसरे बड़े कार्यक्रम सब लॉकडाउन की भेंट चढ़ गए। मुखिया नीलू देवी ने बताया कि इस क्षेत्र में 20 एकड़ में 40 किसानों ने गेंदा के फूल की खेती की थी। कोलकता से बीज लाकर खेतों में लगाए। खेती में औसतन 25-30 हजार प्रति एकड़ व्यय हुआ, मगर सब बेकार चला गया। वहीं किसान श्रीनारायण प्रसाद, कमलदेव चौधरी, पप्पू कुमार, हरेंद्र प्रसाद, संजय प्रसाद, सुभाष प्रसाद सहित अन्य किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है।
संग्रामपुर में भी फूल के खरीदार नहीं मिलने के चलते खेत मे लगे फूलों को तोड़ कर खेतों में फेंकें जा रहें हैं, ताकि पौधा बचा रहे। प्रखंड के सबलपुर निवासी मिश्री सहनी ने बताया कि वे पिछले दस वर्षों से लगभग डेढ़ एकड़ में गेंदा फूल की खेती करते आ रहें हैं। खेती में प्रति कट्ठा लगभग दस हजार का खर्च आता है। पहले इससे अच्छी खासी आय हो जाती थी। इस साल की खेती में लगभग नब्बे हजार का खर्च आया था। फसल भी अच्छी थी लेकिन कोरोना महामारी के चलते लॉक डाउन में शादी विवाह व मंदिरों में पूजा पाठ बंद हो गया, जिसके चलते फूल के खरीदार नहीं मिल रहे हैं। ऐसे ही समय रहा तो पूरा परिवार भूखमरी की चपेट में होगा।