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मोतिहारी के चर्चित सिमरन रेप कांड में दोषियों को मिला आजीवन कारावास, जानिए

मोतिहारी के चर्चित सिमरन रेपकांड में दोषियों को आजीवन कारवास की सजा सुनायी गई है। साथ ही 75-75 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Wed, 24 May 2017 04:33 PM (IST)Updated: Wed, 24 May 2017 11:42 PM (IST)
मोतिहारी के चर्चित सिमरन रेप कांड में दोषियों को मिला आजीवन कारावास, जानिए

पूर्वी चंपारण [जेएनएन]।जिले के चर्चित सिमरन कांड में दो लोगों को न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। सजा जीवन शेष रहने तक चलेगी। प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्णबिहारी पांडेय ने बुधवार को सिमरन (काल्पनिक नाम) के साथ हुए दुष्कर्म मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई पूरी करते हुए दो नामजद लोगों को पॉस्को एक्ट सहित भारतीय दंड विधान की आधा दर्जन धाराओं में सजा सुनाई।

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सजा पानेवालों में ढाका थाना के शीतलपट्टी निवासी राजू मियां एवं कुडवाचैनपुर थाना के करमोहना निवासी मो. इसरार शामिल हैं। पॉस्को वाद संख्या- 25/2015 के विचारण में पाॅस्को एक्ट के विशेष लोक अभियोजक मणि कुमार ने 12 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन का पक्ष रखा। बता दें इससे पहले 17 मई 2017 को न्यायालय ने सुनवाई पूरी कर दोनों को दोषी करार दिया था।

पीड़िता ने दर्ज कराया था मामला, कहा था- मां की हत्या के बाद सालों रखा कैद में
बता दें कि शमीम की कैद से मुक्त होने के बाद सीतामढ़ी की पीड़िता सिमरन ने ढाका थाना में कांड संख्या- 44/2015 के तहत 24 फरवरी 2015 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस को दिए बयान में कहा था सात साल पूर्व (2015 से) अपने गांव रसुलपुर में थी।

उसकी मां खुशबू सिंह उर्फ रीना सिंह का अवैध संबंध शेख शमीम से था। शमीम एवं उसकी मां ने मिलकर उसके मंदबुद्धि पिता की हत्या कर दी। उसके बाद शमीम उसकी मां, उसे तथा उसके भाई अमनदीप को लेकर ढाका के आजाद चौक पर एक किराए के मकान में रहने लगा।

मां व भाई की मौत के बाद से शुरू कर दिया था दुष्कर्म
सिमरन ने पुलिस को बताया था कि मां व भाई की मौत के बाद से वह उसके साथ दुष्कर्म करने लगा। कुछ दिन बाद ढाका स्थित अपने घर में कैद कर दिया। वहां वह नशे की सूई देकर मेरे साथ दुष्कर्म करता रहा। बाद में घर पर राजू मियां, खालिद, इसरार व चंदन को भी बुलाकर लाने लगा और रुपये लेकर उनके सामने मुझे परोसता रहा। यही नहीं शमीम होटल में ले जाकर दूसरों के सामने मुझे पेश करता रहा। घर से जब बाहर जाता था तो घर में ताला जड़ देता था।

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24 फरवरी 2015 को हुई थी मुक्त
बता दें कि चोरी के वाहनों की सूचना पर 24 फरवरी 2015 की दोपहर करीब 1:30 बजे पुलिस ने ढाका के आजाद चौक स्थित शमीम के ठिकाने पर छापेमारी की। जैसे ही पुलिस ने वहां छापेमारी शुरू की। इस दौरान सिमरन ने पुलिस को देखने के साथ शोर करना शुरू कर दिया। शोर होने पर पुलिस ने उसे घर से निकाला था। इस बीच मामले में दो लोगों को सजा होने के बाद पीड़ित पक्ष ने राहत की सांस ली है।

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