जॉब ट्रेनिंग को विद्यार्थियों का दल विशाखापटनम रवाना
शहर के श्रीनारायण ¨सह महाविद्यालय में अध्ययनरत इंडस्ट्रीयल फिश एंड फिशरीज स्नातक पार्ट वन के छात्र-छात्राओं का दल शनिवार को जॉब ट्रे¨नग के लिए रवाना हुआ।
मोतिहारी । शहर के श्रीनारायण ¨सह महाविद्यालय में अध्ययनरत इंडस्ट्रीयल फिश एंड फिशरीज स्नातक पार्ट वन के छात्र-छात्राओं का दल शनिवार को जॉब ट्रे¨नग के लिए रवाना हुआ। एक सप्ताह के विशेष प्रशिक्षण के लिए विशाखापटनम जा रहे 20 सदस्यीय इस दल को बापूधाम मोतिहारी स्टेशन से प्राचार्य डॉ. भोला ¨सह ने रवाना किया। उन्होंने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं भी दीं। दल के सदस्य विशाखापटनम स्थित आइसीएआर के सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षण लेंगे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन ¨सह की पहल पर विद्यार्थियों को कई तरह की सुविधाएं हासिल होंगी। दल में अंजली कुमारी, अंकित कुमार, राजकुमार, आशुतोष, मनीष ¨सह, मनीष कुमार, सुधांशु, कुंदन कुमार ¨सह सहित 16 छात्र एवं चार छात्राएं शामिल हैं। मौके पर डॉ. ¨मकेश कुमार, प्रो. रूपेश, प्रो. नीतेश आदि उपस्थित थे।
तैयार कर सकेंगे मछली
के अनेक व्यंजन
प्रशिक्षण में विद्यार्थियों को कई तरह की जानकारी दी जाएगी। इनमें फिश हेचरी, फिश टेक्नोलॉजी एवं फीश प्रोडक्शन के अलावा मछली से तैयार होने वाले कई तरह के व्यंजनों की भी जानकारी दी जाएगी। इनमें मुख्य रूप से फिश पिकेल, फिश सॉस, फिश बिरयानी, फिश कबाब, फिश कटलेट आदि तैयार करने के बारे में बताया जाएगा। यह प्रशिक्षण इस कोर्स के विद्यार्थियों के लिए काफी लाभप्रद होता है। इसके आधार पर उन्हें आसानी से जॉब भी मिल जाता है।
अब तक 50 दल हुए हैं प्रशिक्षित
इंडस्ट्रीयल फिश एंड फिशरीज कोर्स के लिए 50 दल प्रशिक्षित हो चुके हैं। उक्त जानकारी देते हुए प्राचार्य डॉ. भोला ¨सह ने बताया कि वर्ष 2001 से 2018 तक कुल 50 दलों का प्रशिक्षण देश के विभिन्न शहरों में अवस्थित आइसीएआर के केंद्रों पर दिया जा चुका है। इस कॉलेज के विद्यार्थी इस कोर्स के आधार पर देश-विदेश में अच्छे पदों पर कार्य करते हुए सफलता का परचम फहरा रहे हैं।
अगला दल जाएगा गोवा
प्राचार्य ने बताया अगले दल को गोवा भेजने की तैयारी चल रही है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री भी पहल कर रहे हैं। इससे पहले मुंबई एवं पावरखेड़ा गए दल को भी कृषि मंत्रालय के सहयोग से कई तरह की सुविधाएं मिली थीं। फीस में भी काफी राहत मिली थी। वहीं, विशाखापटनम के लिए कोई शुल्क नहीं लग रहा है। उपर से दल के सदस्यों को भोजन के लिए अलग से राशि भी मिलेगी।