बेहतर उत्पादन के लिए मिट्टी की सेहत जानना जरूरी : डॉ. शाही
मोतिहारी। पीपराकोठी के कृषि विज्ञान केंद्र के प्रशिक्षण कक्ष में उर्वरक विक्रेताओं को अनुज्ञप्ति देने को ले 15 दिवसीय आवासीय समेकित उर्वरक प्रबंधन प्रशिक्षण की शुरूआत की गई।
मोतिहारी। पीपराकोठी के कृषि विज्ञान केंद्र के प्रशिक्षण कक्ष में उर्वरक विक्रेताओं को अनुज्ञप्ति देने को ले 15 दिवसीय आवासीय समेकित उर्वरक प्रबंधन प्रशिक्षण की शुरूआत की गई। उद्घाटन राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्व विद्यालय पूसा के डॉ. ब्रजेश शाही, डीएओ डॉ. ओंकारनाथ सिंह, डीएचओ डॉ. श्रीकांत, आत्मा निदेशक रणवीर सिंह, आत्मा के धीर कुमार धीर, बीओबी जीवधारा के शाखा प्रबंधक अजय गुप्ता ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। डॉ. शाही ने अपने संबोधन में कहा कि बेहतर उत्पादन के लिए मिट्टी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की जानकारी किसानों को होनी चाहिए। साथ ही उनकी मिट्टी में क्या कमी है व इसके लिए उन्हें खेतों की मिट्टी की जांच करानी होगी, तभी मिट्टी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की कमी को दूर किया जा सकता है। डॉ. ओंकारनाथ सिंह ने कहा कि अब हम तकनीक आधारित खेती की ओर बढ़ रहे हैं। इसके लिए स्वस्थ मिट्टी की आवश्यकता होती है। इसके लिए किसानों व उर्वरक विक्रेताओं को शिक्षित होना आवश्यक है। डॉ. श्रीकांत ने कहा कि बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसानों को मिट्टी की सेहत की जानकारी जरूरी है। साथ ही वैज्ञानिकों के संपर्क में रहकर वे अपने फसल से बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। परियोजना निदेशक रणवीर सिंह ने कहा कि किसानों को सर्वप्रथम मिट्टी की गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है। किसानों का लागत कम होगा तो उत्पादन स्वत: बढ़ जाएगा। इसके पूर्व अतिथियों का स्वागत केविके के वैज्ञानिक नेहा पारिक, मनीष कुमार, अंशु कुमार, आशिष राय ने पुष्पगुच्छ देकर किया। प्रशिक्षण में चालीस प्रशिक्षणार्थी मौजूद रहे।