नामवर ¨सह के निधन से ¨हदी जगत को अपूरणीय क्षति
नामवर ¨सह ¨हदी आलोचना और मौखिक परंपरा के शिखर पुरुष थे। उनके निधन से पूरे देश में विशेषकर संपूर्ण ¨हदी जगत में शोक की लहर व्याप्त है।
मोतिहारी। नामवर ¨सह ¨हदी आलोचना और मौखिक परंपरा के शिखर पुरुष थे। उनके निधन से पूरे देश में विशेषकर संपूर्ण ¨हदी जगत में शोक की लहर व्याप्त है। साहित्य अकादमी सम्मान से सम्मानित रहे नामवर जी को ¨हदी साहित्य में आलोचना को एक नए शिखर पर पहुंचाने का श्रेय है। उपरोक्त बातें महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनिल कुमार राय ने नामवर ¨सह के निधन पर अपने शोक संदेश में कही। ¨हदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. प्रमोद मीना ने अपने शोक संदेश में कहा कि नामवर ¨सह जी का आलोचनात्मक कृतित्व इस मायने में हमारे लिए महत्वपूर्ण है कि अप्रभ्रंश काल से आरंभ करके समसामयिक ¨हदी लेखन तक उनकी समान रूप से पकड़ थी। वे अपनी बात मुखर और प्रभावी ढंग से रखना जानते थे। देश के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के भारतीय भाषा केंद्र ने उन्हीं की अंगुली पकड़कर चलना सीखा था और उन्हीं के मार्गदर्शन में वह केंद्र आज साहित्य के अध्ययन-अध्यापन में अपना विशिष्ट स्थान रखता है। कृष्णा सोबती, डॉ. अर्चना वर्मा और फिर अब नामवर ¨सह जी के इतने कम अंतराल में ¨हदी साहित्य का साथ छोड़ देने से ¨हदी जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। सहायक अध्यापक डॉ. गोविन्द प्रसाद वर्मा ने कहा कि यह ¨हदी सहित सम्पूर्ण साहित्य जगत के लिए स्तब्ध कर देने वाली खबर है। उनका संक्षिप्त जीवन परिचय देते हुए कहा कि नामवर ¨सह का जन्म 28 जुलाई 1926 को गांव जीयनपुर (वर्तमान में चंदौली •ालिा) में हुआ था। नामवर जी ने बनारस ¨हदू विश्वविद्यालय से ¨हदी साहित्य की शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने बीएचयू, हरि¨सह गौर विवि, सागर, जोधपुर विश्वविद्यालय और जेएनयू में अध्यापन किया। उन्होंने ¨हदी की लोकप्रिय पत्रिका'आलोचना का लंबे समय तक संपादन किया था।'कविता के नए प्रतिमान,'दूसरी परंपरा की खोज','वाद विवाद संवाद','छायावाद,'इतिहास और आलोचना','कहानी आदि रचनाओं के माध्यम से वे सदैव हमारे बीच उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर ¨हदी विभाग की सहायक अध्यापिका डॉ. गरिमा तिवारी, श्याम नंदन और ¨हदी विभाग के विद्यार्थी मौजूद रहे। सुगौली : ¨हदी साहित्य के विद्वान डॉ. नामवर ¨सह के निधन पर बुद्धिजीवियों ने प्रेम पुस्तकालय के समीप शोकसभा का आयोजन किया। अध्यक्षता ²ष्टि पब्लिक स्कूल के प्राचार्य उदय प्रकाश ने की। जिसमें डॉक्टर पवन कुमार, डीके आजाद, कन्हैया प्रसाद, शंभू शरण यादव अभिनव अभिषेक, धनंजय कुमार, अभिषेक कुमार, अमरुल आलम आदि ने हिस्सा लिया।