किशोर बंदियों की बढ़ रही संख्या ¨चताजनक : डीआइजी
केंद्रीय कारा में बंद तीन बंदियों को गांधी जयंती के अवसर पर रिहा कर दिया गया। साथ ही गांधीजी के बताए मार्ग पर चले के लिए उन्हें प्रेरित किया गया।
मोतिहारी। केंद्रीय कारा में बंद तीन बंदियों को गांधी जयंती के अवसर पर रिहा कर दिया गया। साथ ही गांधीजी के बताए मार्ग पर चले के लिए उन्हें प्रेरित किया गया। कारा में सजा काट रहे चार बंदियों को रिहा किया जाना था, लेकिन एक बंदी द्वारा जुर्माना की राशि नहीं जमा करने के कारण उसे रिहा नहीं जा सका। जेल के डीआइजी नीरज कुमार ने बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज किशोर उम्र के बंदियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। यह ¨चताजनक स्थिति है। वे अपराध को छोड़ समाज के मुख्य धारा से जुड़ें। साथ ही बापू के आदर्शो को आत्मसात कर समाज में सकारात्मक भूमिका निभाएं। इस दौरान जिलाधिकारी रमण कुमार ने कहा कि समाज के मुख्य धारा से जुड़ते हुए अपराध छोड़ें। गांधीजी की राह पर स्वयं चलें तथा समाज के लोगों को भी चलने के लिए प्रेरित करें। पुलिस अधीक्षक उपेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि क्रोध कमजोर व्यक्तियों का हथियार है। इससे बचें और अपराध से तौबा करें। मौके पर डीडीसी अखिलेश कुमार ¨सह, अपर समर्हता कुमार मंगलम एवं मनोज कुमार रजक, जेल अधीक्षक मनोज कुमार, जेलर सूर्यनाथ ¨सह, सहायक जेलर राजेश कुमार आदि भी मौजूद थे। कारा में बंद तीन बंदी शहर के मिस्कौट मोहल्ला निवासी मुंतकीम कमाल, रामबली पंडित एवं बेतिया निवासी अमेरिका मुखिया को बंदियो ने माला पहनाकर उन्हें बधाई दी। वहीं, मौजूद अतिथियों ने पुष्प गुच्छ तथा बापू से संबंधित किताब देकर जेल से रिहा किया । जबकि राजेपुर के बंदी मो. इसराफील को मुक्त नहीं किया जा सका है। बंदियो द्वारा गांधीजी से जुड़े नाटक का भी मंचन किया गया। चित्रकला, निबंध लेखन एवं खेलकूद प्रतियोगिता में सफल बंदियों को पुरस्कृत किया गया।