स्वास्थ्य विभाग की टूटी तंद्रा, ब्लैकलिस्टेड एजेंसी नहीं करेगी काम
सरकार के स्पष्ट आदेश के बाद भी नींद में सोए स्वास्थ्य विभाग को दैनिक जागरण की खबर ने झकझोर जगा दिया है।
मोतिहारी । सरकार के स्पष्ट आदेश के बाद भी नींद में सोए स्वास्थ्य विभाग को दैनिक जागरण की खबर ने झकझोर जगा दिया है। सरकार द्वारा ब्लैकलिस्टेड की गई एजेंसी से जिले के आधा दर्जन पीएचसी में कराए जा रहे सफाई कार्य का खेल उजागर होने के बाद सिविल सर्जन डा. रिजवान अहमद ने आनन-फानन में एक पत्र जारी कर उक्त संस्था से काम लेने की मनाही कर दी है। दैनिक जागरण में 13 फरवरी 2020 के अंक में स्वास्थ्य विभाग में अब भी सेवा दे रही ब्लैकलिस्टेड एजेंसी शीर्षक खबर प्रकाशित होने के बाद सिविल सर्जन डॉ. अहमद ने सदर अस्पताल के अधीक्षक, रेफरल अस्पताल के उपाधीक्षक व सभी पीएचसी प्रभारियों को पत्र भेजकर ब्लैकलिस्टेड संस्था ग्राम ज्योति ग्रामोत्थान कल्याण समिति, सारण से तत्काल काम लेना बंद करने का निर्देश दिया है। अब इस एजेंसी के भुगतान का मामला भी प्रभावित हो सकता है। यहां बता दें कि चिकित्सा केंद्रों पर आउटसोर्सिंग एजेंसी की सेवा को लेकर कई बार सवाल उठते रहे हैं। कुल छह तरह की सेवा देने वाली इन एजेंसियों से तय करार के अनुसार निर्धारित समयावधि बीत जाने के बाद भी काम लिया जा रहा है। इसके लिए उन्हें एक्स्टेंशन पर एक्सटेंशन दिया जा रहा है और अपनी सुविधा के अनुसार बहाने भी गढ़ लिए जाते हैं। कुछ पीएचसी में वहां के प्रभारी मार्गदर्शन आदि का बहाना बनाकर एजेंसियों को बरकरार रहने देते हैं। यहां तक कि ब्लैकलिस्टेड कर दी गई एजेंसियों से भी काम लिया जाता है और इसके लिए बहाने पर बहाने बनाये जाते हैं। पिछले मंगलवार को जिला परिषदीय स्वास्थ्य समिति की बैठक में इस प्रकार के मामले छाए रहे। इस गंभीर मामले की जांच के लिए कमेटी का भी गठन किया गया है। कमेटी इस बात की भी पड़ताल करेगी कि आखिर किन परिस्थितियों में किसके द्वारा इन्हें एक्स्टेंशन दिया गया है।
इनसेट ब्लैकलिस्टेड एजेंसी से चार पीएचसी में लिए जा रहे थे कार्य मोतिहारी : सरकार की नजर में ब्लैक लिस्टेड हो चुकी एजेंसी से जिले के पहाड़पुर, संग्रामपुर, केसरिया एवं मेहसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सफाई के काम का काम लिया जा रहा था। ग्राम ज्योति ग्रामोत्थान कल्याण समिति को बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने अनियमितता के मामले में बहुत पहले ही ब्लैकलिस्टेड कर चुका है। हद तो यह कि इससे संबंधित पत्र भी सिविल सर्जन को विभागीय संयुक्त सचिव द्वारा भेजा गया मगर उसपर कोई अमल नहीं किया गया।