तीन पंचायतों में 1.35 करोड़ की वित्तीय अनियमितता उजागर
सात निश्चय योजना के तहत संचालित योजनाओं में वित्तीय अनियमितता के मामले में जिलाधिकारी रमण कुमार ने तीन पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया है। डीएम ने संबंधित पंचायत सचिव पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश भी दिया है।
मोतिहारी । सात निश्चय योजना के तहत संचालित योजनाओं में वित्तीय अनियमितता के मामले में जिलाधिकारी रमण कुमार ने तीन पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया है। डीएम ने संबंधित पंचायत सचिव पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश भी दिया है। जिन पंचायत सचिवों पर कार्रवाई हुई है, उनमें हिरामन राम, वकील अख्तर, मो. अब्बास के नाम शामिल हैं। सभी पंचायत सचिवों ने विभागीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए एक करोड़ 35 लाख रुपये की निकासी कर ली है। अनियमितता का मामला सामने आने के बाद डीएम ने इसकी जांच का आदेश दिया है। कहा गया है कि गबन का मामला प्रमाणित होने पर नीलाम पत्र वाद के माध्यम राशि की वसूली की जाएगी। बताया गया कि हिरामन राम ग्राम पंचायत रघुनाथपुर के पंचायत सचिव हैं। पटनी में सात निश्चय योजना की राशि वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंध समिति में हस्तांतरित नहीं कर स्वयं के नाम पर विभागीय निर्देशों की अवहेलना करते हुए क्रमश: 2054500, एवं 6,87,500 रुपये की निकासी की। उसी प्रकार वकील अख्तर, पंचायत सचिव, रामगढ़वा पंचायत के अहिरौलिया, पखनहिया, चंपापुर, सकरार, अधकपरिया एवं मुरला में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना की राशि वार्ड क्रियान्वयन समिति एवं प्रबंधन समिति को हस्तांतरित नहीं कर स्वयं के नाम पर क्रमश: 1087500, 2047500, 2217500, 2176136, 2327500, 1545000, एवं 515000 रुपये की निकासी की गई। पंचायत सचिव, मो. अब्बास द्वारा ग्राम पंचायत जैतापुर, आमोदेई में मुख्यमंत्री सात निश्चय की राशि 1330000, एवं 1222500 रुपये की निकासी की है। सभी कर्मियों द्वारा राशि निकासी में वितीय नियमों का अनुपालन नहीं किया गया है। कहा गया है कि जांचोपरांत आरोप प्रमाणित होने पर, राशि गबन की स्थिति में संबंधित ग्राम पंचायत के मुखिया व पंचायत सचिव से नीलाम पत्र वाद के माध्यम से राशि वसूली की जाएगी। साथ ही मुखिया के विरूद्ध भी पंचायती राज अधिनियम के सुसंगत धारा के तहत पदच्युति की कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने जिला पंचायत राज पदाधिकारी को उक्त सभी मामलो का अविलंब जांच करने का निर्देश दिया गया है। कहा है कि जांच के क्रम में यदि संबंधित ग्राम पंचायत मुखिया की संलिप्तता प्रमाणित होती है तो ऐसी स्थिति में मुखिया के विरूद्ध भी प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।