शहर के बड़े नालों की भी नहीं हो सकी उड़ाही
मोतिहारी। शहरवासी जहां अ²श्य दुश्मन कोरोना वायरस से लड़ रहें है। इसके बचाव के लिए स्वच्छता व शारीरिक दूरी ही प्रमुख हथियार है।
मोतिहारी। शहरवासी जहां अ²श्य दुश्मन कोरोना वायरस से लड़ रहें है। इसके बचाव के लिए स्वच्छता व शारीरिक दूरी ही प्रमुख हथियार है। वहीं ऐसा लगता है कि नप के अधिकारी अपनी आदत के अनुसार इस महामारी में भी नगरवासियों एवं सफाई कमियों के जान का सौदा कोरोना से कर लिया है। इस महामारी के दौर में भी प्राय: यह देखा जा रहा है कि जहां एक तरफ शहरवासी वाटर लॉगिग एवं सफाई का रोना रो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सफाईकर्मी अपनी सुरक्षा व बकाया वेतन की मांग कर रहे हैं। जबकि केंद्र व राज्य सरकार ने स्वच्छता के लिए खजाना खोल दिया है। बावजूद इसके अधिकारी अपनी मनमानी कर रहें है। बता दें कि मानसून आने वाला है। लेकिन, नगर परिषद प्रशासन ने नालों की उड़ाही का कार्य अभी तक पूरा नहीं हो सका है। हालांकि, नगर परिषद का दावा है कि वह बड़ नालों को उड़ाही करा रहा है। बता दें कि शहर के लगभग सभी बड़े नाले क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। कहीं- कहीं तो तीन फीट के नाले 15 फीट में तब्दील हो गए हैं। तो कहीं सड़क व नाला में ही फर्क मिट गया है। इसके कारण आये दिन बाइस सवार एवं राहगीर नाले में गिरकर चोटिल हो रहे हैं।
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इनसेट
नप के सफाई कर्मियों ने किया कार्य का बहिष्कार
मोतिहारी, संस : नगर परिषद के संविदा कर्मी एवं दैनिक मजदूरों ने अपने बकाया भुगतान को लेकर बुधवार को कार्य बहिष्कार कर नप कार्यालय में धरना पर बैठकर विरोध प्रकट किया। बता दें कि कोरोना काल में छुट्टी के दिनों में किए गए कार्यो एवं बकाया भुगतान को लेकर सफाई कर्मियों ने ईओ विमल कुमार को चेतावनी पत्र देकर भुगतान करें अन्यथा कार्य का बहिष्कार करने की बात कही थी। बावजूद कार्यपालक पदाधिकारी श्री कुमार के द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया। जिसके कारण आज सफाई कर्मी कार्य स्थगित करते हुए विरोध प्रकट किया। वहीं 19 मई को सतारुढ़ दल जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ बिहार के प्रदेश महासचिव कैलाश गुप्ता ने अपने आवास के समीप क्षतिग्रस्त नाले का निर्माण व नियमित सफाई नहीं होने के कारण जान माल की नुकसान की बात बताते व तस्वीर दिखाते हुए उक्त नाले का निर्माण व नियमित सफाई की मांग ईओ से की थी, लेकिन उसका निदान आज तक नहीं हो सका है।