प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के दायरे में पूर्वी चंपारण के आठ लाख किसान
लघु एवं सीमांत किसानों की आय में वृद्धि के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत चालू वित्तीय वर्ष में शुरू की है।
मोतिहारी। लघु एवं सीमांत किसानों की आय में वृद्धि के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत चालू वित्तीय वर्ष में शुरू की है। इस योजना से वित्तीय वर्ष 2018-19 में किसानों के खाते में राशि हस्तांतरित किया जाएगा। इसका उद्देश्य फसल के स्वास्थ्य एवं उचित उपज के लिए किसानों को विभिन्न उपादान क्रय के लिए वित्तीय मदद करना है, ताकि किसानों की कृषि आय सुनिश्चित की जा सके। इस योजना के तहत दो हेक्टेयर या उससे कम कृषि योग भू-धारी किसान परिवार को छह हजार रुपये प्रति वर्ष प्रत्येक चार माह पर दो हजार के तीन बराबर किस्तों में भुगतान किए जाएंगे। इस योजना के तहत प्रथम किस्त का भुगतान किसानों के खाते में 31 मार्च 2019 तक करने का लक्ष्य रखा गया है। जिला कृषि कार्यालय ने योजना की जानकारी किसानों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी कृषि समन्वयक व किसान सलाहकारों को सौंप दी है। साथ ही ये किसानों को आवेदन करने के लिए प्रेरित भी करेंगे, ताकि जरूरतमंद किसानों को योजना का लाभ दिलाया जा सके। डीएओ डॉ. ¨सह ने बताया कि जिले में आठ लाख किसान हैं। लगभग तीन लाख किसान अपना निबंधन करा चुके हैं। देना होगा घोषणा-पत्र
इस योजना के लाभ के लिए लाभान्वित किसान को स्वघोषित घोषणा-पत्र के आधार पर चिन्हित किया जाएगा। यदि लाभान्वित खुद गांव में नहीं रहता है तो उसके परिवार के अन्य वयस्क सदस्य भी घोषणा कर सकते हैं। गलत घोषणा पत्र देने पर किसानों से लाभ की राशि वसूल करते हुए उनके विरुद्ध दंडात्मक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कार्यान्वयन की रणनीति लाभ के लिए योग्य किसान परिवार का डाटावेस विभागीय पोर्टल पर किसान स्वयं भरेंगे। इसके लिए विभाग द्वारा सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है, जिसमें किसान नाम, उम्र, ¨लग, वर्ग, बैंक खाता, आइएफएससी कोड, आधार नंबर भरेंगे। वही एक ही परिवार में दोबारा भुगतान न हो यह भी सुनिश्चित किया जाएगा। 25 फरवरी तक लाभुकों की अपलोड होगी सूची 01 दिसंबर 2018 से 31 मार्च 2019 के लिए प्रथम किस्त की राशि के भुगतान के लिए 25 फरवरी तक योग्य लाभुकों की सूची वेबसाइट पर अपलोड की जानी है। राज्य के किसान की भागीदारी एवं उनके द्वारा आवेदन प्राप्त हो इसके लिए जिला कृषि पदाधिकारी अपने स्तर से पंचायतों में प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करेंगे। ताकि योजना का लाभ सभी योग्य लाभुकों को मिल सके। अनुश्रवण की होगी व्यवस्था इसके लिए राज्य व जिला स्तर पर एक अनुश्रवण एवं शिकायत निवारण समिति का गठन किया जाएगा। राज्य स्तर पर विभाग के प्रधान सचिव अध्यक्ष व कृषि निदेशक सचिव होंगे। वहीं जिला स्तर पर जिलाधिकारी अध्यक्ष व जिला कृषि पदाधिकारी सचिव होंगे। वही योजना के अनुश्रवण के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी संबंधित प्रमंडलीय आयुक्त एवं जिलाधिकारी की होगी जो साप्ताहिक रूप से योजना की समीक्षा करेंगे। ये करेंगे मामलों की जांच
किसानों द्वारा किए गए आवेदन की जांच संबंधित अधिकारी सुनिश्चित कराएंगे। इसके लिए प्रखंड कृषि पदाधिकारी व प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा न्यूनतम पांच प्रतिशत, अनुमंडल पदाधिकारी व भूमि सुधार उपसमाहर्ता द्वारा तीन प्रतिशत व जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा न्यूनतम एक प्रतिशत मामलों की जांच की जाएगी। जिलाधिकारी या संयुक्त निदेशक शाष्य प्रक्षेत्र द्वारा प्रत्येक जिले का 0.2 प्रतिशत मामलों की जांच सुनिश्चित करना होगा।