चिकित्सक पटना में अस्पताल में बनी थी उपस्थिति
मोतिहारी। विगत दिन गर्भवती महिला का प्रसव के दौरान अनुमंडलीय अस्पताल में हुई मौत व स्वजनों द्वारा
मोतिहारी। विगत दिन गर्भवती महिला का प्रसव के दौरान अनुमंडलीय अस्पताल में हुई मौत व स्वजनों द्वारा हंगामा करने के मामले की जांच टीम द्वारा गठित टीम ने शनिवार को की। जांच टीम अस्पताल पहुंचकर स्वजनों द्वारा इलाज में लापरवाही की जांच की। इस क्रम में तीन दिनों से प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिला को लेबर रूम में तैनात एएनएम,जीएनएम व ममता द्वारा किसी डॉक्टर से स्वास्थ्य का जांच नही कराया गया पाया गया। जांच टीम ने तीनों दिन के सभी शिफ्टों में प्रतिनियुक्त एएनएम, जीएनएम, ममता व डाक्टर से पूछताछ की। लेबर रूम, डाक्टर, जीएनएम, एएनएम व कर्मी की उपस्थिति पंजी, रोस्टर, डिलेवरी पंजी की जांच के बाद अपने साथ ले गई. इस क्रम में बड़ा खुलासा हुआ कि अस्पताल में पदस्थापित डाक्टर दीपक कुमार पटना रहते हैं। उसके बाद भी उनकी प्रतिदिन उपस्थिति बनती है। वही डाक्टर के प्राण नंबर व पे सिलिप मंगवाने के लिए 8-8 हजार रुपये की रिश्वत का भी आरोप लगाया गया। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रंजीत कुमार व एसडीओ संजीव कुमार ने जीएनएम से ली गई राशि को दो दिनों में वापस करने, आशा की सभी बकाया प्रोत्साहन राशि को त्वरित भुगतान करने का निर्देश अस्पताल प्रबंधन को दिया गया। पदाधिकारी ने लेबर रूम में मरीजों से पैसा वसूली करने वाले एएनएम, जीएनएम व ममता को कड़ी फटकार लगाते हुए चेतावनी दी कि इस प्रकार की शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जांच टीम में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रंजीत राय, एसडीओ संजीव कुमार,डीएसपी ज्योति प्रकाश, डॉ. आशुतोष कुमार चौधरी व यूनिसेफ के धर्मेंद्र कुमार शामिल थे।