दहेज मुक्त शादी और पर्यावरण संरक्षण का लिया संकल्प
मोतिहारी। पर्यावरण संरक्षण और जल संचय के लिए पूर्वी चंपारण के एक और युवा आगे आया है। साथ ही दहेज से समाज मुक्त कराने का संकल्प भी लिया है।
मोतिहारी। पर्यावरण संरक्षण और जल संचय के लिए पूर्वी चंपारण के एक और युवा आगे आया है। साथ ही दहेज से समाज मुक्त कराने का संकल्प भी लिया है। मेहसी के मोहब्बत छपरा निवासी एक महिला शिक्षक के पुत्र डॉ. विश्वज्योति ने पर्यावरण संरक्षण व जल संचय के साथ-साथ दहेज न लेने न देने का संकल्प शादी की रस्मों को शुरू करने से पहले लिया। उन्होंने अपने पैतृक गांव व घर के अहाते में मंगलवार को 51 फलदार पौधे लगाए। मौके पर मौजूद परिवार के सदस्य व ग्रामीणों को संकल्प दिलाया-पौधे लगाएं, पानी बचाएं। वे 21 जून को वैशाली के पस्तरा थाना स्थित चकवनपुर खजुरिया निवासी मनोज कुमार व प्रेमशीला कुमारी की पुत्री कुमारी अन्नू के साथ परिणय सूत्र में बंधेंगे। बिना दहेज की होगी शादी
भागलपुर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सह एम्स के भूतपूर्व जूनियर रेसिडेंस, एमबीबीएस एमडी डॉ. विश्वज्योति ने कहा कि दहेज भारतीय सभ्यता व संस्कृति के लिए एक बड़ा अभिशाप बनता जा रहा है। इस कारण बिना दहेज विवाह करने का निर्णय लिया। कहा- दैनिक जागरण के दहेज को ना कहें अभियान ने भी उन्हें काफी प्रभावित किया। वे भाइयों में सबसे बड़े है। उनकी मां सुनीता कुमारी शिक्षिका व पिता लालबाबू प्रसाद समाजसेवी है। उनके एक भाई विनीत रंजन कोलकता बांकुड़ा में सर्जन एक डॉ रवि रंजन इंजीनियर है। बहन डॉ शालिनी रंजन भी दिल्ली में चिकित्सक हैं। उन्होंने साफ किया परिवार में न कोई दहेज लेगा और न देगा। पर्यावरण संरक्षण व जल संचय को लेकर डॉ साहब काफी संवेदनशील दिखे। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। आने वाला समय इतना तपेगा जन जीवन का विनाश होगा। पृथ्वी पर न पेड़ होंगे और न पानी। आने वाली पीढ़ी तिल तिल कर मरेगी। बढ़ती हुई जनसंख्या को इसका एक बड़ा कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जगह इतनी कम पड़ जाएगी कि हमें कुछ नहीं मिलेगा। सामाजिक पहल की जरूरत है। अगर हमें आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित भविष्य देना है तो हमें ज्यादा से ज्यादा पौधा लगाना होगा। पौधरोपण में चाचा प्रमोद कुमार प्रसाद, विनोद कुमार प्रसाद, संदीप अनिता देवी, पवन कुमार सहित अन्य लोग शामिल थे।