शहर में रिक्शा से निकले डीएम तो बदहाल मिली यातायात व्यवस्था
जिला पदाधिकारी रमण कुमार सोमवार की रात में शहर की मुख्य सड़कों पर रिक्शा से निकल पड़े।
मोतिहारी। जिला पदाधिकारी रमण कुमार सोमवार की रात में शहर की मुख्य सड़कों पर रिक्शा से निकल पड़े। बिना किसी सुरक्षा गार्ड के आम आदमी के रूप में डीएम जब शहर की सड़कों पर निकले तो उन्हें शहर की यातायात व्यवस्था बदहाल मिली। कई जगह जाम में भी फंसे। कचहरी चौक से छतौनी मीना बाजार, अस्पताल व बलुआ होते हुए वे वापस लौटे। रिक्शा चालक वसीम अख्तर को भी यह आभास नहीं हुआ कि उसके रिक्शा पर जिले के जिलाधिकारी हैं। उसने आम आदमी की तरह जिलाधिकारी से न केवल बात की। बल्कि अपनी स्थिति के बारे में भी बताया। शहर की व्यवस्था के बारे में भी जानकारी दी। जिलाधिकारी ने महसूस किया कि शहर में लोगों को यातायात की गंभीर समस्या से प्रतिदिन जूझना पड़ रहा है। उनकी परेशानी को दूर करने को लेकर सदर एसडीओ, डीएसपी व कार्यपालक पदाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। डीएम ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि रिक्शा चालक से उन्हें कई प्रकार की सीख मिली है। उसके अंदर भक्ति, ईमानदारी, निडरता, सत्यता व काम करने के जज्बे से एक नई सीख मिली है। वह हर रात 2 बजे तक काम करता है चाहे कोई मौसम क्यों न हो। ऐसे में अधिकारियों को इससे सीख लेनी चाहिए। हीरा के घर पहुंच जाना हाल डीएम ने सोमवार को हरसिद्धि, संग्रामपुर, कोटवा, चकिया एवं पकड़ीदयाल क्षेत्र का दौरा किया। बिना किसी सूचना के आम आदमी बनकर। हरसिद्धि के घिउआढार पंचायत के हीरा के घर का निरीक्षण किया। स्वच्छता चैंपियन, जिन्होंने अपनी नानी के लिए शौचालय निर्माण के लिए गड्ढे खोदना शुरू किया था। प्रारंभ बेहतर जरूर था, पर अभी भी शौचालय निर्माण पूरा नहीं हुआ है। इस पर डीएम ने शौचालय की छत बनाकर उसे चालू करने को लेकर संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया। इस पंचायत में सात निश्चय का कार्य नहीं दिखा। किसानों व ग्रामीणों के साथ समस्याओं की चर्चा की। पकड़ीदयाल में धान की खेतों में जानकर फसल की स्थिति देखी। कहा कि कहीं कोई सूखे की तरह स्थिति नहीं है। डीएम ने अधिकारियों को कहा कि वे सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने में सक्रिय योगदान दें।