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तेतरिया में डायरिया का कहर जारी, एक और महिला की हुई मौत

मोतिहारी । तेतरिया वार्ड नं. 4 में डायरिया ने कहर बरपा रखा है। रविवार को भी बीमारी की चपेट में आकर सदर अस्पताल में इलाजरत मु. नागों देवी की मौत हो गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 11:10 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 11:10 PM (IST)
तेतरिया में डायरिया का कहर जारी, एक और महिला की हुई मौत

मोतिहारी । तेतरिया वार्ड नं. 4 में डायरिया ने कहर बरपा रखा है। रविवार को भी बीमारी की चपेट में आकर सदर अस्पताल में इलाजरत मु. नागों देवी की मौत हो गई। इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए रविवार को सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार के निर्देश पर जिले से गई चिकित्सकों की एक टीम ने वहां घर-घर जाकर लोगो के स्वास्थ्य का मुआयना किया। टीम को लीड कर रहे महामारी विशेषज्ञ डॉ राहुल राज ने बताया कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। स्थानीय पीएचसी की तरफ से भी वहां लगातार कैम्प लगाकर लोगो के स्वास्थ्य की मॉनिटरिग की जा रही है। टीम में उनके अलावा डॉ पंकज कुमार व डॉ एचपी ठाकुर भी शामिल थे। चिकित्सकों की टीम के साथ जिला से एक एम्बुलेंस को भी भेजा गया था। हालांकि एम्बुलेन्स से किसी भी मरीज को यहां लाने की जरूरत नहीं पड़ी।

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सदर अस्पताल की व्यवस्था से आक्रोश : जिला से तेतरिया स्थित पीड़ित बस्ती में पहुंची चिकित्सकों की टीम को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। अपने पतोहु का इलाज कराकर मोतिहारी सदर अस्पताल से वापस लौटी सुगनी देवी ने वहां की कुव्यवस्था सुनाते हुए मेडिकल टीम से कहा कि वहां बाहर से दवा खरीदने को कहा जाता है। रोगी और उसके साथ गए लोगों को भोजन भी नहीं मिलता है। व्यवस्था से आजिज आकर वह अपनी पतोहू नगीना देवी को वापस गांव ले आई है और यहां के घेघवा प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। वही शिवेंद्र मांझी ने कहा कि यहां से एंबुलेंस से रोगी को भेज तो दिया जाता है, लेकिन वहां सदर अस्पताल में रोगी की कोई खोज-खबर नहीं ली जाती है। स्वास्थ्य कर्मी अलग से ही हाल चाल पूछते हैं। तकरीबन सभी ग्रामीणों का आरोप था कि रेफर होकर सदर अस्पताल में इलाजरत मरीजों को न तो समय पर भोजन मिल रहा हा न खाना। स्थानीय चिरइया देवी, कबूतरी देवी, ललिता आदि ने आक्रोशित होकर कहा कि मोतिहारी में ले जाकर मुआ दे रहा है। जबकि अपना पैसा बनाने और फोटो खिचवाने के लिए यहां मेडिकल टीम को भेजा जा रहा है। हमनी के लेल तेतरिया चाहे मधुबन में इंतजाम कराओ सरकार। चिरैया देवी ,बबुनी देवी, भंवरी देवी आदि ने भी कड़े शब्दों में अपनी अपनी बात रखी। कहा कि हालत यह है कि बाजार व अस्पताल में भी लोग अब इस टोला के लोग से दुरी बना रहे है।वही स्थानीय मुखिया सुबोध गुप्ता ने भी इस पर चिता व्यक्त करते हुए जिला अधिकारी और जिला सिविल सर्जन से उक्त दलित बस्ती में फैले डायरिया की रोकथाम की समुचित व्यवस्था करने की मांग किया है। उन्होंने अभी तक की स्वास्थ्य सेवा को नाकाफी बताते हुए कहा कि मोतिहारी में मृतक मरीज की लाश देने में भी टालमटोल की जा रही है। मेडिकल कैंप से बी सी एम,एम वाई सी और आशा भी गायब पाई गई। गंदा पानी तो नही बीमारी का कारण : पीड़ित बस्ती के आसपास जलजमाव बीमारी का एक बड़ा कारण प्रतीत होता है। चिकित्सकों की टीम को लीड कर रहे डॉ राज ने भी इससे इनकार नही किया है। उन्होंने बताया कि पीड़ित लोगों के घरों के आसपास गंदा पानी का जमाव है। वहीं उनके घरों में लगे कल के पास भी गंदगी व्याप्त है। ऐसे में बीमारी फैलने का यह एक प्रमुख कारण हो सकता है। वही स्थानीय ग्रामीणों की माने तो बस्ती में नल जल योजना का भी लोगो को लाभ नही मिल पा रहा है। वर्जन:

सदर अस्पताल में खाना की व्यवस्था जीविका के माध्यम से करवाई जाती है। अगर किसी स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है तो उसे ठीक किया जाएगा। बस्ती के लोगों की मांग पर अब मधुबन पीएचसी में इलाज की सुविधा बहाल कर दी गई है। ज्यादा गंभीर मरीजों को ही सदर अस्पताल लाया जाएगा।

- डॉ अंजनी कुमार, सिविल सर्जन पूर्वी चंपारण


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