ओडीएफ के बावजूद खुले में शौच जा रहे लोग
मोतिहारी । प्रखंड ओडीएफ घोषित होने के बावजूद आज भी गांव की गलियां व खेत खलिहानों में लोग
मोतिहारी । प्रखंड ओडीएफ घोषित होने के बावजूद आज भी गांव की गलियां व खेत खलिहानों में लोगों को खुले में शौच जा रहे है। जिसके कारण इन जगहों से आमलोगों को गुजरना कठिन होता जा रहा है। वहीं जनप्रतिनिधि व इससे संबंधित अधिकारी मौन धारण कर बैठे हुए हैं। जबकि आम जनता के स्वास्थ्य रखने के ²ष्टिकोण से खुले में शौच करने पर प्रतिबंध लगाने को लेकर सरकार स्वच्छता अभियान चला रखा है। जिसको लेकर अनिवार्य रूप से हर घर में शौचालय के निर्माण कराया जा रहा है। जिसके लिए बारह हजार रुपये अनुदान की राशि भी दी जा रही है। जानकारों का कहना है कि जिनके घरों में नहीं है उनके अलावे जिन्होंने बना लिया है वे भी सामाजिक लोक लज्जा को ताख पर रख खुले में शौच जा रहे हैं। जिसकी पड़ताल करने मंगलवार को जागरण टीम प्रखंड के बरवा पंचायत के गुलरिया, माघी बरवा, चिकनी व चिलझपटी गांव पहुंचा। इस दौरान बरवा से माघी होते गुलरिया सड़क, जीवीसी कैनाल पथ व इसके उतरी बांध की स्थिति काफी खराब थी। सड़क पर बदबू के बीच लोग चलने को विवश है। इस संबंध में कुछ ग्रामीणों से बात करने पर नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि कुछ लोग आदत से लाचार है, तो कुछ के घरों में शौचालय होने के बाद भी सुबह व शाम सड़कों के किनारे व खेत खलिहानों को गंदा करने निकल जाते हैं। जबकि यह पंचायत के घरों में सबसे पहले युद्ध स्तर पर शौचालयों का निर्माण कराया गया था। आज भी लोग निर्माण करा रहें हैं। लेकिन स्वच्छता अभियान का नजर अंदाज करते हुए आज भी अनेक जनप्रतिनिधियों ने आज तक अपने घर में शौचालय का निर्माण नहीं करा सके है। स्वच्छता अभियान से जुडे़ प्रखंड समन्यवक संगम कुमार ने बताया इस पंचायत के 12 वार्डों में 583 लोग पहले बनवाया था। जिसमें 450 लोगों को अनुदान के रूप में 12-12 हजार की राशि उनके खाते में भेजा गया है। अभी हाल में 150 लोगों के जांच प्रतिवेदन आया हैं। जिसका जियो टैगिग भी होना है। वही स्थानीय मुखिया संजू कुमार ने बताया कि मैं चाहता हूं पंचायत स्वच्छ हो, लोग स्वस्थ रहें। जिसको लेकर सरकार के हर योजना को कार्यरूप दिया। साथ ही लोगों को जागरूक भी करता हूं कि खुले में शौच करना स्वास्थ्य से खिलवाड़ करना है। बीडीओ आशीष कुमार मिश्र ने बताया सड़क पर शौच करना ग़लत बात है। यदि किसी जनप्रतिनिधि ने निर्माण नहीं कराया है तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। साथ ही इसके लिए एक बार फिर अभियान चलेगा। जिन लोगों के घरों में शौचालय नहीं बना हैं उनके यहां शौचालय का निर्माण कराया जायेगा। साथ ही जिनका अनुदान बाकी है उनका भुगतान कराया जायेगा।