घर आए प्रवासी श्रमिकों को आने लगा बुलावा, सुरक्षित घर छोड़ने की शर्त रख बसों से ले जा रहे पंजाब
बिहार के श्रमिकों का बुलावा फिर होने लगा है। श्रमिक भी रोजगार के लिए वापस लौटने लगे हैं। पूर्वी चंपारण में करीब बीस बसों से एक हजार को पंजाब ले जाया जा चुका है।
मनोज कुमार सिंह, पूर्वी चंपारण। घर आए प्रवासी श्रमिकों को बुलावा आने लगा है। जिले के तेतरिया प्रखंड में बीते चार दिनों में डेढ़ दर्जन से अधिक बसें पंजाब से पहुंची हैं। उसमें प्रखंड के विभिन्न गांवों से एक हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक गए हैं। अभी और भी प्रवासियों को ले जाने की तैयारी कर रहे। पंजाब से आईं अधिकतर बसों पर कोविड-19 का स्टीकर लगा रहता है।
सुरक्षित ले जाने के दे रहे भरोसा
तेतरिया प्रखंड के राजेपुर, महमदपुर मझौलिया, तेतरिया, नारायणपुर सेमराहा, मेघुआ और झिटकहियां समेत अन्य गांवों से बड़ी संख्या में लौटे प्रवासी श्रमिक यहां काम नहीं मिलने से परेशान हैं। अधिकतर पंजाब में कृषि कार्य से जुड़कर मजदूरी करते थे। धान की रोपनी प्रारंभ होने के साथ ही वहां से कई संपन्न किसान यहां पहुंच रहे हैं। वे गांव-गांव घूमकर मजदूरों को यह भरोसा दिला रहे कि उन्हें सुरक्षित ले जाएंगे। कार्य पूरा होने के बाद वापस पहुंचा देंगे। इसके लिए वे उन्हें बतौर एडवांस एक-दो हजार रुपये भी दे रहे। साथ ही उन्हें पहले से अधिक मजदूरी देने का लालच दिया जा रहा। अब तक 20 बसों से तकरीबन एक हजार श्रमिकों को पंजाब ले जाया जा चुका है। इसके अलावा छोटे वाहनों से भी ले जाया जा रहा।
नहीं मिल रहा काम, बाहर जाने की मजबूरी
सेमराहा के गजेंद्र सहनी, प्रवीण कुमार, पुनास के मोतीलाल राम और सलेमपुर के राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि मनरेगा जॉबकार्ड मिला है, पर काम नहीं मिलने के कारण आर्थिक संकट है। पंजाब से ऑफर मिला है। जाने की तैयारी कर रहे। तेतरिया के रामटहल का कहना है कि बस से जाना सुरक्षित है। क्योंकि ट्रेन से दिल्ली होकर जाने में कोरोना का खतरा है।
गांव-गांव घूम रहे बिचौलिए
मजदूरों की तलाश में पंजाब के संगरूर से आए सरदार जसवंत ङ्क्षसह और गुरुतेज सिंह ने बताया कि कोरोना के चलते बिहारी भैया नहीं पहुंच पाए हैं, इसलिए अपनी गाड़ी से लेने आए हैं। अबकी मजदूरी भी बढ़कर मिलेगी। यहां से जाने वालों को गांव से अलग फॉर्म पर रखा जाएगा। उन्हें सुरक्षित तरीके से काम लेने के बाद वापस भेजा जाएगा। इसके अलावा पंजाब ले जाने वाले बिचौलिया व मजदूरों के ठेकेदार भी सक्रिय हैं। गरीब मजदूरों को एडवांस दिलवाने के साथ तरह-तरह का झांसा दे रहे। प्रखंड प्रमुख तेतरिया विनय कुमार यादव का कहना है कि हमलोग अपने स्तर से मजदूरों को रोजगार दे रहे। इसके लिए टीम भी गठित की गई है। मनरेगा के तहत जॉबकार्ड देकर काम दिया जा रहा। फिर भी पर्याप्त रोजगार के अभाव में लोग परदेस जा रहे।