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कोरोना को ले लॉकडाउन में 50 फीसद गिरा भवन निर्माण सामग्री का कारोबार

फोटो 23 एमटीएच 32 - लॉकडाउन के पहले व अब निर्माण सामग्री के दामों में नहीं है कोई

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 11:46 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 05:06 AM (IST)
कोरोना को ले लॉकडाउन में 50 फीसद गिरा भवन निर्माण सामग्री का कारोबार

फोटो 23 एमटीएच 32

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- लॉकडाउन के पहले व अब निर्माण सामग्री के दामों में नहीं है कोई खास फर्क

मोतिहारी। कोरोना संक्रमण को ले लॉकडाउन की घोषणा के साथ भवन निर्माण के कारोबार से जुड़े व्यवसायियों को काफी नुकसान हुआ है। पहले व दूसरे लॉकडाउन में सभी दुकानें सरकार व प्रशासन के निर्देश पर पूर्ण रूपेण बंद रही। तीसरे लॉकडाउन में सप्ताह में तीन दिनों के लिए कुछ दिन दुकानों को खोला गया, लेकिन पुन: बंद कर दिया गया। शहर के बरियारपुर स्थित नेहा ट्रेडर्स के संचालक हरि सिंह ने बताया कि कोरोना रूपी अ²श्य वायरस को देखते हुए सरकार ने जब लॉकडाउन की घोषणा की तो उस समय उनकी प्रतिष्ठान पूर्णरूपेण बंद हो गई। मिस्त्री से लेकर मजदूरों का घर से निकलना मुश्किल हो गया था। रोज कमा कर अपना घर चलाने वाले मजदूरों को काफी परेशानी भी हुई। इधर लॉकडाउन में ढील के साथ दुकानें खुली तो ग्राहक मार्केट से गायब। श्री सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के बाद लोगों के समक्ष खाने के लाले पड़ रहे थे। इस दौरान उनकी संस्था हरि सिंह सेवा संस्थान के द्वारा गरीबों व जरूरमंदों को भुखा देख लॉकडाउन के बीच सात बाद चावल, गेहूं, प्याज, आलू सहित अन्य खाद्य सामग्री का वितरण किया। इसबीच अन्य प्रदेशों से लौट रहे मजदूरों के भोजन-पानी की व्यवस्था छतौनी पुलिस इंस्पेक्टर की देखरेख में किया गया। उनके बीच भोजन का पैकेट व पानी के बोतल का वितरण भी किया गया। श्री सिंह ने बताया कि वे स्वंय दुकान का संचालन करते है। उनके अनुपस्थिति में उनके पुत्र हिमांशू राज व प्रियांशू राज दुकान की जिम्मेदारी उठाते है। उनके सहयोग में दुकान के चार कर्मचारी भी लगे रहते है। कोरोना संक्रमण के बीच दुकान के किसी कर्मी को हटया नहीं और सभी के जरूरतों का ख्याल रखते हुए उनके मासिक वेतन का भी भुगतान किया। इससे उनके कर्मचारी उनके साथ रहते हुए अपने परिवार के साथ खुश है। श्री सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान मकान किराया, गोदाम का किराया, कर्मचारियों का भुगतान, बैंक लोन का ब्याज, बिजली बिल सहित अन्य खर्चो में कमी नहीं आयी। वही सरकार की ओर से भी किसी तरह की मदद नहीं मिली। कुल मिलाकर कारोबार को हुए नुकसान की भरपाई इस वर्ष संभव नहीं है।


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