'राम की तरह वनवास काटकर आया', मोतिहारी में बोले- आनंद मोहन, पत्नी ने कहा- BJP को रास नहीं आ रही हमारी खुशी
2000 के नोट वापसी पर हमला बोलते हुए आनंद मोहन ने कहा कि कब नोट आता है और कब बंद होता है यह बंद करने वालों से पूछिए कि चलाया ही क्यों था? उन्होंने पूछा कि क्या नरेंद्र मोदी की तानाशाही से देश चलेगा?
संवाद सहयोगी, पताही (पूर्वी चंपारण) : डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड मामले में जेल से बाहर आए पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन ने शुक्रवार को कहा कि जिस तरह राम को वनवास मिला था, उसी तरह वह भी वनवास पूरा कर जनता के बीच पहुंचे हैं। इस वक्त उनका साथ देने वाले सभी लोगों के वह ताउम्र ऋणी रहेंगे। जेल से बाहर आने के बाद आनंद मोहन नागरिक अभिनंदन समारोह में शामिल होने मोतिहारी पहुंचे थे।
समारोह को संबोधित करने के दौरान आनंद मोहन ने अपने अनुभव साझा किए। साथ ही वह भाजपा और मोदी सरकार पर जमकर बरसे भी। 2000 के नोट वापसी पर हमला बोलते हुए आनंद मोहन ने कहा कि कब नोट आता है और कब बंद होता है, यह बंद करने वालों से पूछिए कि चलाया ही क्यों था?
उन्होंने पूछा कि क्या नरेंद्र मोदी की तानाशाही से देश चलेगा? पहले भी बड़े-बड़े अर्थशास्त्रियों ने नोटबंदी को गलत फैसला बताया था।
ब्लैक मनी वापस क्यों नहीं आई ?
बाहुबली नेता ने कहा, ''वह भाजपा सरकार से जानना चाहते हैं कि 54 हजार करोड़ रुपये कहां गायब हो गए? क्या अडाणी जैसे लोगों के काले धन को सफेद करने का काम किया जा रहा हैं? क्या इस देश को पूंजीपतियों के हाथों में गिरवी रखने का काम हो रहा है?
अगर नहीं तो अब तक ब्लैक मनी वापस क्यों नहीं आई? नोटबंदी के बाद देश में बेरोजगारी और गरीबी क्यों बढ़ गई? आम जनता मंहगाई से क्यों त्रस्त है?'' आनंद मोहन ने कहा कि इन सभी सवालों के जवाब भाजपा नहीं देगी,लेकिन आने वाले वक्त में जनता देगी।
भाजपा को रास नहीं आ रहीं, उनकी खुशी
वैशाली की पूर्व सांसद और आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद ने जनता के सामने इमोशनल कार्ड डाला। बोलीं- पति आनंद मोहन की रिहाई के बाद जब उनके घर में खुशियां लौटीं, लेकिन भाजपा के कुछ नेताओं को उनकी खुशी रास नहीं आ रही है।
आगे कहा कि पहले तो वे रिहाई की बात करते थे। अब ओछी राजनीति का सहारा लेकर तरह-तरह के बयान दे रहे हैं। पिछले 16 सालों में उनके घर में ना तो होली मनाई गई है ना दिवाली।
'नीतीश सरकार में मिला न्याय'
आनंद मोहन के बेटे और राजद विधायक चेतन आनंद ने कहा कि उनकी मां झांसी की रानी की तरह पिछले 16 साल से न्याय के लिए लड़ती रही हैं। आखिरकार नीतीश कुमार की सरकार में उनके परिवार को न्याय मिला। उनके पिता रिहा होकर जेल से बाहर आए।
उन्होंने कहा कि इसके विपरीत भाजपा के नेता नीतीश सरकार को दलित-पिछड़ा विरोधी बताकर घेरने का काम करने में लगे हैं। वह ऐसे नेताओं से कहना चाहते हैं- वे शिवहर की धरती पर आए देखें कि दलित और पिछड़े किस मान-सम्मान और अधिकार से हमारे साथ जुड़े हुए हैं।