चंद रुपयों के लिए महिला को दी गई एेसी यातना, पुलिस से लगाई गुहार-बचा लो मुझे
महज कुछ रुपयों के लिए एक महिला को ससुराल वालों ने इतना प्रताड़ित किया कि वह अपनी जान बचाकर बहन के घर में रहने को मजबूर है लेकिन यहां भी पहुंचकर लोग उसे जान से मारने की धमकी दे रहे।
पूर्वी चंपारण [जेएनएन]।महज पांच लाख रुपयों के लिए एक महिला को इतना प्रताड़ित किया गया कि उसके लिए जीवन जीना बेमानी हो गया है। किसी तरह ससुराल से भागकर वह बहन के घर पहुंची, लेकिन वहां भी उसे जान से मारने की धमकी दी गई। पैसों के लिए उसके बच्चों को भी घर में बंधक बना लिया गया है।
मानवता को शर्मसार करने की यह घटना पूर्वी चंपारण जिले के कोटवा थानांतर्गत जसौली पट्टी गांव की है जहां एक महिला कुछ पैसों के लिए अपने ही घर से भागकर बहन के घर में शरण ली हुई है और उसके बच्चे ससुराल में बंधक पड़े हुए हैं।
महिला ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है जिसमें कहा गया है कि ससुराल के लोगों ने महिला को शादी के बाद से ही लगातार दहेज के लिए प्रताड़ित किया। कई बार पैसे भी लिए। लेकिन, उनकी इच्छा के अनुरूप पैसे नहीं मिलने की स्थिति में परिवार के लोगों ने मिलकर महिला को घर से निकाल दिया।
वह अपनी बहन के घर में रहने को मजबूर है और वहां पर भी जाकर ससुराल वाले उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। इस सिलसिले में पीड़िता मनीषा ने कोटवा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
पुलिस को दिए आवेदन में कहा है कि उनकी शादी 29 अप्रैल 2007 को जसौलीपट्टी निवासी सुदिष्ट सिंह के पुत्र राहुल सिंह के साथ हुई। शादी के वक्त पिता ने दहेज में दो लाख नकद और दो लाख का सामान दिया था। बावजूद इसके दहेज की मांग की जाती रही।
शादी बाद विदाई के वक्त भी हुआ था विवाद
मनीषा ने पुलिस को बताया है कि शादी के बाद जब विदाई की बेला आई तब भी पति राहुल रंजन सिंह, ससुर सुदिष्ट सिंह, देवर सुमित और अमित ने पांच लाख रुपये की मांग शुरू कर दी। किसी तरह से काफी समझाने के बाद विदाई हुई। ससुराल जाने के बाद सास ने भी उपरोक्त लोगों का साथ दिया और दहेज के लिए मैं वहां प्रताड़ित होने लगी।
किस्तों में वसूल किया दहेज, फिर भी निकाल दिया घर से
महिला ने पुलिस को बताया है कि ससुराल के लोगों ने दहेज के लोभ में मुझे घर से मायके पहुंचा दिया। फिर जैसे-तैसे मेरे पिता ने किस्तों में दहेज के रुपये दिए। दहेज की राशि मिलने के बाद भी पांच लाख की डिमांड जारी रही।
अंत में मुझे लोक लाज के डर से मुजफ्फरपुर में बहनोई के घर पर शरण लेनी पड़ी। वहां भी मेरे ससुराल के लोग जाकर हंगामा करने लगे। अंत में मेरा सारा आभूषण, कपड़ा व मेरे दो बच्चों क्रमश: अदिती (6 साल) व अंकुर चार साल को अपने पास रख लिया।
ससुर ने डाली बुरी नजर
महिला ने पुलिस के सामने यह भी बताया है कि उसके ससुर की उसपर बुरी नजर थी। 26 दिसंबर 2016 को मेरे साथ उन्होंने गलत व्यवहार करने की कोशिश की। मैंने किसी तरह अपनी इज्जत बचाई। पति के आने पर घर के लोगों को जानकारी दी तो सभी ने इसके लिए मेरी ही पिटाई कर दी।
अब जबकि मैं अपनी बहन के घर मुजफ्फरपुर में रह रही हूं तो यहां भी वो लोग आकर धमकी दे रहे हैं। मनीषा ने पुलिस से गुहार लगाई कि उसे उसके बच्चे दिला दिए जाएं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो।
कहा-पुलिस उपाधीक्षक ने
मामला गंभीर है। इस मामले में पीड़िता से संपर्क करने की कोशिश की गई है। पीड़िता का बयान दर्ज कर मामले में अविलंब जांच की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। जांच के बाद हर हाल में दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पंकज रावत, पुलिस उपाधीक्षक, मोतिहारी, सदर