पावर्ती तालाब पर उमड़ती है छठ व्रतियों की भीड़
मोतिहारी। मैं पार्वती तालाब हूं। अरेराज के भूतभावन सोमेश्वर नाथ महादेव के परिसर में अवस्थित हूं।
मोतिहारी। मैं पार्वती तालाब हूं। अरेराज के भूतभावन सोमेश्वर नाथ महादेव के परिसर में अवस्थित हूं। मेरे चारों तरफ बने घाट पर अरेराज की महिला व पुरुष छठव्रती पहुंचकर भगवान भास्कर की आराधना करते हैं। सोमेश्वर नाथ महादेव के परिसर में अवस्थित होने के चलते छठ व्रतियों की भीड़ यहां उमड़ती है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन व पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति होती है। यहां लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसका ध्यान भी रखा जाता है। छठ महापर्व जैसे-जैसे नजदीक आने लगा है मेरे घाट की साफ-सफाई में प्रशासन व स्थानीय लोग जुट गए हैं। टूटी सीढ़ी की मरम्मत कार्य शुरू हो गया है। तालाब के गंदे पानी को निकालकर तिलावे नदी में छोड़ा जा रहा है। इसमें ताजा पानी भरने की तैयारी की जा रही है। अनुमंडल पदाधिकारी धीरेन्द्र कुमार मिश्र का ध्यान इसपर बराबर लगा है। इसी कड़ी में बोरिग कराया गया है, ताकि पानी को समय-समय से बदला जा सके।
पार्वती पोखर का रहा है पौराणिक इतिहास
सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर परिसर स्थित पार्वती पोखरा का प्राचीन इतिहास रहा है। ऐसी मान्यता है कि पार्वती तालाब में स्नान करने वाले व्यक्ति को किसी प्रकार का चर्म रोग नहीं होता है। साथ ही उक्त रोग से ग्रसित व्यक्ति पोखरा में स्नान कर महादेव का जलाभिषेक करते हैं, तो रोग से मुक्त हो जाता है। उक्त तालाब में स्नान कर महिलाएं बाबा का जलाभिषेक करते हैं तो पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। पार्वती पोखरा का पानी कभी उजला नहीं दिखता है। कितना भी पानी बोरिग से डाला जाय या वर्षा का पानी हो भांग के रंग में ही दिखता है। इसके पीछे लोगों का मानना है कि माता पार्वती सोमेश्वर नाथ महादेव के लिए उक्त तालब पर ही भांग पिसती थीं। जिसके चलते पानी भांग के रंग का ही दिखाई देता है।