दरभंगा स्टेशन का यार्ड पुलिस छावनी में तब्दील, तीन दिनों में दो ट्रेनों में लगी आग
दरभंगा स्टेशन के यार्ड में तीन दिनों के अंदर आग लगने के बाद रविवार को पूरा यार्ड पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। चारों तरफ आरपीएफ बल की तैनाती कर दी गई है।
दरभंगा । दरभंगा स्टेशन के यार्ड में तीन दिनों के अंदर आग लगने के बाद रविवार को पूरा यार्ड पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। चारों तरफ आरपीएफ बल की तैनाती कर दी गई है। सुरक्षा की ऐसी व्यवस्था की गई है, कोई पड़ भी नहीं मार सकता है। सभी जवानों को शिफ्ट में बांटा गया है। ड्यूटी में कोई लापरवाही तो नहीं बरत रहा, इसपर स्वयं आरपीएफ कमांडेंट अंशुमन त्रिपाठी की नजर है। वे सुबह, दोपहर और रात्रि में अचानक पहुंचकर तीनों शिफ्टों के सुरक्षा का जायजा ले रहे है। उन्होंने बताया कि यदि कोई ड्यूटी में लापरवाही करते पकड़े गया तो निलंबित किया जाएगा। इधर, रेलवे की ओर से संयुक्त जांच टीम और फौरेंसिक विभाग की जांच में अब तक असामाजिक तत्वों के हाथ होने की बात सामने आई है। ऐसी स्थिति में दोषी चाहे जो भी हो, उसे पकड़ना सभी का दायित्व बनता है। उन्होंने यार्ड से आने-जाने पर रोक लगा दी। कहा कि पकड़े जाने पर ठोस कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने टीम के साथ घटना के उदभेदन को लेकर काफी देर तक मंत्रणा की। सूत्रों की मानें तो तीन दिनों के अंदर ट्रेन में आग लगने से लगभग दो करोड़ रुपये की क्षति हुई है। बताया जाता है कि यार्ड और ट्रेन सफाई के ठेकेदार के कुछ हटाए गए स्थानीय कर्मियों की साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया जा रहा है। दरअसल, यार्ड में कर्मियों की संख्या अधिक है। काफी संख्या में लोग ट्रैक के किनारे से रोजाना आते-जाते हैं। आरपीएफ कमांडेंट त्रिपाठी ने यार्ड की चहारदिवारी होने तक प्रतिनियुक्त फोर्स के माध्यम से यार्ड की सुरक्षा करने का निर्देश दिया है। फिलहाल, बेरिकेडिंग करने का निर्णय लिया गया है। फोरेंसिक टीम ने समर्पित की रिपोर्ट :
मुजफ्फरपुर से आई तीन सदस्यीय फौरेंसिक टीम ने दोनों ही दिनों की घटना का जांच रिपोर्ट समर्पित कर दी है। हालांकि, समस्तीपुर रेल मंडल ने उस रिपोर्ट को अभी गोपनीय रखा है। सूत्रों का कहना हैं कि रिपोर्ट में ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया है, जिस पर रेलवे को अपने विभाग पर कार्रवाई करने की जरुरत पड़े। बहरहाल, सोमवार को रिपोर्ट की घोषणा की संभावना है। बता दे कि सहायक निदेशक सुनील कुमार सिंह के नेतृत्व में आई टीम ने जलकर राख हुई कोच की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई थी। इस दौरान कई साक्ष्य जुटाए गए थे।