बुनियादी सुविधाओं के लिए आज भी संघर्ष कर रहे रसुलपुर के ग्रामीण
दरभंगा। हायाघाट प्रखंड के रसुलपुर पंचायत के रसुलपुर गांव के लोग आज भी विभिन्न समस्याओं से घिरे हुए हैं। बदलते परि²श्य में उक्त गांव के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए लिए संघर्ष कर रहे हैं।
दरभंगा। हायाघाट प्रखंड के रसुलपुर पंचायत के रसुलपुर गांव के लोग आज भी विभिन्न समस्याओं से घिरे हुए हैं। बदलते परि²श्य में उक्त गांव के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए लिए संघर्ष कर रहे हैं। सरकार ने कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं। योजनाएं धरातल पर उतरी भी, लेकिन उक्त गांव में सफलीभूत नहीं हो सकी। गांव की समस्याओं को लेकर शुक्रवार को दैनिक जागरण की ओर से आयोजित गांव की पाती कार्यक्रम में काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित हुए। पेयजल, स्टेट ट्यूबवेल, सड़कों से जलनिकासी के लिए बने नालों, अतिक्रमण, रसुलपुर चौर से पानी की निकासी, हाट को पानी की निकासी को लेकर बने नाला, सड़क अतिक्रमण, रसुलपुर चौर से पानी की निकासी, हाट को अतिक्रमण मुक्त, बिजली, जनवितरण प्रणाली, मनरेगा, नाला, नलकूप, प्रधानमंत्री आवास, मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना, उप स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने अपनी बात रखी। रामचंद्र राय, डॉ. अब्दुल रब, कपिलेश्वर पंडित, राजेंद्र प्रसाद पंडित, उमेश महतो, हर्षनारायण पंडित, धीरज कुमार पंडित, राजकुमार पंडित, लक्ष्मण साह, संजय महतो, सुनील पंडित, मनीष महतो, गंगा देवी, गौतम कुमार, पप्पू पंडित, विजय साह, लालबाबू साह, मिथिलेश पंडित, मुकेश राय, दीपक साह, बलदेव पंडित, पंसस नागेश्वर राम, मनोज कुमार साह, मो. मोख्तार, मो. शफी सहित दर्जनों लोगों ने उक्त गांव की समस्याओं से अवगत कराया। लोगों का कहना था कि एक-दो वार्डों को छोड़ दें, तो बांकी बचे वार्डों में हर घर नल का जल योजना के तहत लोगों को पानी का बेसब्री से इंतजार है।
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रसुलपुर गांव एक नजर में गांव :
आबादी : 12 हजार, वार्ड : 14, आंगनवाड़ी केंद्र : नौ, मध्यम विद्यालय : दो, प्राथमिक विद्यालय : एक, सरकारी नौकरी : तीन, बेरोजगारी : नब्बे प्रतिशत।
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कहते हैं रसुलपुर के ग्रामीण : गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं को बहाल करने की आवश्यकता है। लोगों को स्वास्थ्य सुविधा नहीं रहने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गांव की कई दशकों से जर्जर पड़े विद्युत तार को भी बदलने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में एक बड़ी दुर्घटना से बचा जा सके।
- फखरे आजम, उप प्रमुख
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रसुलपुर गांव का मुख्य पथ हो या गली-मोहल्ले जाने वाली सड़क, सभी अतिक्रमण से कराह रही है, लेकिन इसपर अभी तक सीओ साहब का ध्यान नहीं गया है। सड़क पर जलजमाव को देखते हुए नाला का निर्माण होना चाहिए ताकि लोगों की परेशानी कम हो। गांव के 85 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर हैं। लेकिन, एक भी स्टेट ट्यूबवेल नहीं रहने से किसानों को बहुत परेशानी हो रही है। पटवन के लिए किसानों को काफी खर्च करना पड़ रहा है।
- रामचंद्र राय, ग्रामीण
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कई महीनों से मनरेगा में काम नहीं मिलने के कारण मजदूर पलायन को मजबूर हैं। यही नहीं, स्थानीय डीलर के द्वारा अनाज का कैश मेमो उपभोक्ताओं को नहीं दिया जाता। गांव में सिचाई की व्यवस्था के लिए स्टेट बोरिग की नितांत आवश्यकता है।
- डॉ. अब्दुल रब, ग्रामीण
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मुख्य सड़क पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है, जिसे अतिक्रमणमुक्त कराए जाने की जरूरत है। गांव में नाला का निर्माण नहीं होने से बरसात के समय में सड़कों पर जलजमाव से लोगों का चलना मुश्किल हो जाता है। जलनिकासी नहीं होने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- नागेश्वर राम, ग्रामीण
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यह पंचायत विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है। जब तक सरकार का भरपूर सहयोग नहीं मिलेगा। लोगों के सपने साकार होने में वक्त लग जाएगा। शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है।
- कैलाश कुमार महतो, ग्रामीण
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अगर राजनीतिक सहयोग मिले तो उक्त पंचायत आदर्श बन जाएगा। सरकारी तंत्र की उदासीनता से यहां शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था का बुरा हाल है। जिसमें व्यापक पैमाने पर सुधार की आवश्यकता है।
- मनोज कुमार साह, ग्रामीण
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जो विकास होना चाहिए गांव का, वो नहीं हो सका है। इसको लेकर सरकार व प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है। जनप्रतिनिधियों ने गांव के विकास को लेकर कभी जरूरी पहल नहीं की। जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण विकास ठप पड़ा है।
- मो. मोख्तार, ग्रामीण
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पंचायत के चहुंमुखी विकास के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। सरकारी स्तर से जिस हिसाब से पैसा आ रहा है, उसी हिसाब से पंचायत में कार्य हो रहा है। पंचायत को आदर्श पंचायत बनाने की तमन्ना है। अपने स्तर से विभिन्न सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ पंचायत को दिलाने का प्रयास है। पंचायत को ओडीएफ बनाने के लिए प्रयत्नशील हूं, ताकि स्वच्छ वातावरण में स्वच्छ समाज का निर्माण हो सके।
- मरियम खातुन, मुखिया
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